पक्षों के बीच समझौता नहीं होने पर लोक अदालत को गुण-दोष के आधार पर फैसला करने का अधिकार नहीं है : न्यायालय

By भाषा | Updated: October 7, 2021 19:57 IST2021-10-07T19:57:45+5:302021-10-07T19:57:45+5:30

Lok Adalat has no right to decide on merits if there is no agreement between the parties: Court | पक्षों के बीच समझौता नहीं होने पर लोक अदालत को गुण-दोष के आधार पर फैसला करने का अधिकार नहीं है : न्यायालय

पक्षों के बीच समझौता नहीं होने पर लोक अदालत को गुण-दोष के आधार पर फैसला करने का अधिकार नहीं है : न्यायालय

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोक अदालत को यह सूचना मिलने पर कि पक्षों के बीच समझौता नहीं हो सकता है , उसके पास गुण-दोष के आधार पर फैसला करने का अधिकार नहीं है।

न्यायालय ने कहा कि ‘विधिक सेवा प्राधिकरण कानून 1987 के प्रावधानों में स्पष्ट किया गया है कि लोक अदालत का अधिकार क्षेत्र विवाद की स्थिति में दोनों पक्षों के बीच समझौता या सुलह कराना है।

न्यायालय ने कहा कि समझौता या सुलह असफल रहने के बाद लोक अदालत को वह मामला उसी सामान्य अदालत को लौटाना होगा जहां से उसे यह सुलह के लिए मिला था।

न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा, ‘‘ यह पता चलने के बाद कि पक्षों के बीच समझौता या सुलह नहीं हो सकता है लोक अदालत के पास गुण-दोष के आधार पर मामले का फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है।’’

शीर्ष अदालत ने 2013 के मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली एस्टेट अधिकारी की अपील पर यह व्यवस्था दी।

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Web Title: Lok Adalat has no right to decide on merits if there is no agreement between the parties: Court

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