Lockdown: महाराष्ट्र सरकार ने अखबार वितरण पर अपना आदेश वापस लिया
By भाषा | Published: April 22, 2020 12:34 AM2020-04-22T00:34:53+5:302020-04-22T00:34:53+5:30
सरकार ने 18 अप्रैल की अपनी अधिसूचना में राज्य भर में अखबारों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगा दी थी। हालांकि उसमें कहा गया था कि प्रिंट मीडिया को 20 अप्रैल से लॉकडाउन प्रावधानों में ढील दी गई है। सरकार के इस कदम की प्रिंट मीडिया घरानों और विपक्षी दल भाजपा ने आलोचना की थी।
राज्य में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगाने संबंधी पिछले सप्ताह के अपने दिशा निर्देशों में संशोधन करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को मुंबई और पुणे के लिए लॉकडाउन के दौरान ढील को लेकर अपना आदेश वापस ले लिया।
दोनों ही जगहें कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में (हॉटस्पॉट) में हैं और इसे ध्यान में रखते हुए इन दोनों ही शहरों में फिलहाल समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक जारी रहेगी।
सरकार ने 18 अप्रैल की अपनी अधिसूचना में राज्य भर में अखबारों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगा दी थी। हालांकि उसमें कहा गया था कि प्रिंट मीडिया को 20 अप्रैल से लॉकडाउन प्रावधानों में ढील दी गई है।
सरकार के इस कदम की प्रिंट मीडिया घरानों और विपक्षी दल भाजपा ने आलोचना की थी। सरकार ने एक आदेश में कहा है कि घरों तक समाचार पत्रों या पत्रिकाओं का वितरण करने वाले लोग मास्क पहनेंगे, सेनेटाइजर का इस्तेमाल करेंगे और सामाजिक दूरी संबंधी नियमों का पालन करेंगे।
इसमें कहा गया है कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे शहर और अन्य सभी निरूद्ध क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए वहां अखबारों के लोगों के घरों तक वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
एमएमआर में मुंबई और उसके आसपास के जिले ठाणे, पालघर और रायगढ़ के हिस्से शामिल हैं। सरकार ने 18 अप्रैल को कहा था कि लॉकडाउन अवधि के दौरान समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक रहेगी।
सरकार ने मंगलवार के अपने आदेश में कहा कि चुनिंदा गतिविधियों के लिए लॉकडाउन में दी गयी ढील एमएमआर और पुणे महानगर क्षेत्र (पीएमआर) में लागू नहीं होगी। हालांकि, राज्य के अन्य हिस्सों में लॉकडाउन छूट से संबंधित दिशा निर्देश लागू होंगे।
इसमें कहा गया है कि एमएमआर और पीएमआर के बाहर, ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों को आवश्यक अनुमति के साथ चलने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही आवश्यक वस्तुओं, भोजन, दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति के लिए अनुमति दी जाएगी।
सरकार ने कहा कि नमकीन और मिठाई आदि की दुकानों को खोलने की अनुमति देने का फैसला अब रद्द किया जाता है। महाराष्ट्र में 20 अप्रैल तक 4,600 से अधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें अकेले मुंबई में 3032 और पुणे में 594 मामले सामने आए हैं।