लॉकडाउन: शिवराज बोले, कोविड-19 के कारण मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था हो गई ध्वस्त
By भाषा | Published: May 19, 2020 11:55 AM2020-05-19T11:55:41+5:302020-05-19T11:55:41+5:30
मध्यप्रदेश में अब तक कोविड-19 से संक्रमितों का आंकड़ा 5,236 तक पहुंच गया है। इनमें से कुल 2,435 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है, जबकि 252 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,549 लोग अब भी संक्रमण की चपेट में हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। हालांकि राज्य सरकार ने जरूरतमंदों की सहायता के लिए 16,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि उनके खातों में डाली है। उन्होंने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस संकट से ध्वस्त अर्थव्यवस्था को पुन: खड़ा करने के लिए विभिन्न आर्थिक पैकेज दिए हैं। हम इन्हें आदर्श रूप से जमीन पर उतारेंगे।’’
चौहान ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया है, हम उस पर चलकर मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएंगे। इसके लिए खाका तैयार किया जा रहा है तथा उसे शीघ्र ही आपके समक्ष रखा जाएगा। सब मिलकर मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लें। हमें अभी कुछ समय और कोविड-19 के साथ जीना है तथा अपनी अर्थव्यवस्था को भी गति देना है।’’ चौहान ने कहा,‘‘ हमें पूरी सावधानी के साथ एवं संतुलित रूप से चलना होगा जिससे कोरोना वायरस संक्रमण फैले नहीं और जिन्दगी भी रफ्तार पकड़े। काम कठिन है परंतु हमारा हौसला बुलंद है।’’
प्रदेश सरकार द्वारा जनता के हित में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ हमारे प्रवासी मजूदर भाई-बहन बिल्कुल भी चिंता न करें। सभी को बसों एवं ट्रेनों के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। इस काम के लिए 91 से अधिक ट्रेन तथा हजारों बस लगाई गई हैं। साथ ही प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले तक भी मजदूरों को पहुंचाया जा रहा है।’’
चौहान ने कहा, ''जिन मजदूर भाईयों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है। जो कार्य करना चाहते हैं तथा जिनके पास जॉब कार्ड नहीं है, पंचायतों के माध्यम से उनका जॉब कार्ड बनवाकर उन्हें काम दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि ये 'संबल योजना' के भी पात्र होंगे।'' संबल योजना गरीब का सुरक्षा कवच है जो उनकी हर आवश्यकता की पूर्ति करता है।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में गेहूँ उपार्जन के अंतर्गत अभी तक 90 लाख टन से अधिक गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है तथा किसानों को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा,‘‘ किसान भाई बिल्कुल चिंता न करें हम उनका एक-एक दाना खरीदेंगे। किसान भाई एसएमएस मिलने पर ही अपनी उपज बेचने उपार्जन केन्द्र पर आएं तथा एक-दूसरे से दो गज की दूरी रखें एवं सभी सुरक्षा उपाय अपनाएं।’’ चौहान ने बताया कि चना, मसूर एवं सरसों का समर्थन मूल्य पर खरीद का कार्य भी जारी है।
कोरोना वायरस के मामलों के दोगुना होने की दर एक अप्रैल को तीन दिन थी, जो कि एक मई को बढ़कर 14 दिन हो गई। वर्तमान में यह दर 17.2 दिन है, जो जल्दी ही 20 दिन हो जाएगी।’’