अमरनाथ यात्रा: यात्रा की तैयारियों में शामिल हुए स्थानीय, कहा-तीर्थयात्रियों की करेंगे हर तरह की मदद
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 27, 2023 16:28 IST2023-06-27T16:23:05+5:302023-06-27T16:28:20+5:30
अमरनाथ यात्रा पर बोलते हुए स्थानीय ने कहा है कि अमरनाथ यात्रा न केवल हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है, बल्कि इससे यहां के स्थानीय लोगों को आजीविका कमाने में भी मदद मिलती है।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
जम्मू: अमरनाथ यात्रा से पहले मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के विभिन्न इलाकों के स्थानीय लोगों ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए बालटाल में तंबू लगाना शुरू कर दिया है। दक्षिण कश्मीर के हिमालय पर्वत में 3,8,80 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरनाथ गुफा की वार्षिक यात्रा 1 जुलाई को शुरू होगी और 31 अगस्त को समाप्त होगी।
यात्रा की तैयारी के लिए स्थानीय भी आए साथ
स्थानीय लोग भी बालटाल पहुंच रहे हैं जहां वे यात्रियों के लिए अपने तंबू लगा रहे हैं जहां तीर्थयात्रियों को अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं। यह यात्रा कई सालों से जिले के लोगों को आजीविका भी प्रदान करता है।
बालटाल में तंबू लगाने वाले अहमद का कहना था कि हम यात्रियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उन्हें हर संभव सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा न केवल हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है, बल्कि इससे यहां के स्थानीय लोगों को आजीविका कमाने में भी मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि इनमें होटल मालिक, घुड़सवार, टैक्सी चालक आदि शामिल हैं क्योंकि तीर्थयात्री इस यात्रा को केवल पवित्र अमरनाथ गुफा तक ही सीमित नहीं रखते हैं, बल्कि वे विभिन्न स्वास्थ्य रिसॉर्ट्स भी जाते हैं।
स्थानीय निभा रहे है महत्वपूर्ण भूमिका
एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा कि हर साल बालटाल बेस कैंप से पवित्र गुफा तक हजारों टेंट लगाए जाते हैं, जो यात्रा के दौरान बालटाल में एक अलग तरह की सुंदरता पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें तंबुओं को स्थापित करने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
स्थानीय लोगों ने कहा कि अमरनाथ यात्रा ने कश्मीरी लोगों की भावनाओं को जोड़ा है जो सदियों से यात्रा को सफलतापूर्वक आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन यात्रा को सफल बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। हालांकि, स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना यह बिल्कुल भी संभव नहीं है।