LMOTY 2020: हरदीप पुरी ने कहा- जून 2021 में एयर इंडिया बिक जाएगी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 18, 2021 15:37 IST2021-03-16T16:37:44+5:302021-03-18T15:37:14+5:30
LMOTY 2020: राज्य सरकारों और केंद्र पर विमानन कंपनी एयर इंडिया का 498.17 करोड़ रुपए का बकाया है।

पुरी ने कहा कि कुल 84.57 करोड़ वीवीआईपी यात्रा मद में बकाया हैं।
LMOTY 2020: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कि जून 2021 में एयर इंडिया बिक जाएगी।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यूपी के जेवर एयरपोर्ट की 2023-24 में होगी। इसके शुरू होने से लोगों को सुविधा होगी। दिल्ली और जेवर का एयर ट्रैफिक दुनिया के बड़े ट्रैफिक में से एक होगा। हरदीप पुरी ने कहा कि एयर इंडिया में विनिवेश जरूरी है। यूपीए सरकार ने कई गलत फैसले लिए। आज एयर इंडिया पर 60000 करोड़ का कर्ज है।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि 31 दिसंबर 2020 तक विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र पर विमानन कंपनी एयर इंडिया का 498.17 करोड़ रुपए का बकाया है। उन्होंने कहा कि वीवीआईपी यात्रा, विदेशी गणमान्य लोगों की यात्रा, राहत अभियान आदि मद में केंद्र व राज्य सरकारों पर कुल 498.17 करोड़ रुपए का बकाया है।
पुरी ने कहा कि कुल 84.57 करोड़ वीवीआईपी यात्रा मद में बकाया हैं जबकि विदेशी गणमान्य लोगों की यात्रा को लेकर 12.61 करोड़ रुपए का बकाया है। उन्होंने कहा कि कंपनी को 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपए का घाटा हुआ जबकि 2019-20 में 7,982.83 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को दिल्ली और मुंबई के हवाईअड्डों में सरकार द्वारा हिस्सेदारी बेचने के बाद राजस्व हिस्सेदारी प्राप्त होती रहेगी। उन्होंने कहा, "जो लोग चिंता जता रहे हैं, उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि दिल्ली का हवाईअड्डा और मुंबई हवाईअड्डा 60 वर्ष के पट्टे पर हैं। ये और छह अन्य हवाईअड्डे पट्टा अवधि समाप्त होने के बाद एएआई के पास वापस आ जाएंगे। इसलिए, बिक गया, जैसा कि वे दावा करते हैं, ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर उन खबरों को लेकर हमला किया, जिनमें कहा गया था कि वह पहले से ही निजीकृत दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद हवाईअड्डों में अपनी बची हुई हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के निजीकरण से जनता को नुकसान पहुंचता है और केवल मुट्ठीभर लोगों को लाभ मिलता है।
पुरी ने कहा, “राजनीतिक नेताओं, विशेष रूप से जो लोग शासन की आकांक्षा रखते हैं, उन्हें तथ्यों से परिचित होना चाहिए। न्यू इंडिया के लोग, जो पहले अपने शहर में एक रेलवे स्टेशन चाहते थे, अब न केवल एक हवाईअड्डा चाहते हैं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा चाहते हैं।”