असम में लॉकडाउन की वजह से 20 दिनों के बाद खुलीं शराब की दुकानें, लोगों ने लाइन में खड़े रहकर किया बारी का इंतजार
By अनुराग आनंद | Published: April 14, 2020 05:22 AM2020-04-14T05:22:20+5:302020-04-14T05:22:20+5:30
असम की सरकार ने शराब की सभी दुकानें, गोदाम, बॉटलिंग संयंत्रों, डिस्टिलरी और ब्रेवरीज को सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक रोज खोलने की अनुमति दे दी है।
गुवाहाटी: असम में लॉकडाउन के बीच 20 दिनों बाद जब शराब की दुकानें खुलीं तो लोगों में इसे हासिल करने के लिए धक्का-मुक्की और लड़ाई होने लगी। वहीं कुछ युवतियों ने महिलाओं के लिए अलग कतार की मांग करते हुए हंगामा भी किया। लंबी कतारों में लगे लोगों ने शराब लेने के लिए कई स्थानों पर धैर्य भी दिखाया और अपनी बारी के इंतजार में घंटों कतार में खड़े रहे। दुकानदारों ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए दुकानों के बाहर सर्किल या बॉक्स बना रखे थे।
असम की सरकार ने शराब की सभी दुकानें, गोदाम, बॉटलिंग संयंत्रों, डिस्टिलरी और ब्रेवरीज को सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक रोज खोलने की अनुमति दे दी है ताकि शराब के शौकीन अपनी प्यास बुझा सकें और राज्य सरकार राजस्व प्राप्त कर सके। कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था ताकि सामाजिक दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन हो सके।
Assam: People line up outside a liquor shop in Guwahati as government permits sale of liquor between 10 AM & 5 PM during #CoronavirusLockdown. (13.4.2020) pic.twitter.com/B9WnLBu8w3
— ANI (@ANI) April 13, 2020
शराब की दुकान के एक कर्मचारी ने बताया कि लॉकडाउन से पहले जो व्यक्ति शराब की एक बोतल खरीदता था उसने फिर से बंद की आशंका के मद्देनजर पांच बोतल खरीदी।
गुवाहाटी में मनोज शर्मा बताते हैं, ‘‘मैं दोपहर दो बजे एक क्वार्टर खरीदने आया था लेकिन मैं जो खरीद सकता था उस ब्रांड का स्टॉक नहीं था। मेरी छोटी नौकरी है इसलिए मैं बड़े ब्रांड की शराब नहीं पी सकता।’’ क्योंझर में कतार में खड़े रॉबिन बोरो ने कहा कि यहां खड़े-खड़े दो घंटे से अधिक समय बीत गए और लगता है अभी कुछ घंटे और लगेंगे।
राज्य की राजधानी में एक इंजीनियरिंग संस्थान के पूर्व प्रोफेसर ने कहा कि वह माइक्रोबेवरी में घर में ही चावल की बीयर बना रहे थे, जिसे उन्होंने अपने तकनीकी कौशल से बनाया है। कतार में खड़ी एक युवती भीड़ और दुकानदार पर खीझ रही थी क्योंकि उसका धैर्य जवाब दे रहा था। उसने महिलाओं के लिए अलग कतार लगाए जाने की मांग की।