ज्ञानवापी मस्जिद की तरह कर्नाटक के मंगलुरु में भी एक मस्जिद पर उठी उंगलियां, विहिप ने मंदिर बताते हुए आंदोलन करने की बात कही
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 25, 2022 19:18 IST2022-05-25T19:11:23+5:302022-05-25T19:18:17+5:30
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की तरह कर्नाटक के मंगलुरु में भी एक मस्जिद पर दावा करते हुए कहा कि उसे हिंदुओं के मंदिर को कथिततौर पर तोड़कर बनाया गया है और उसे पाने के लिए वो आंदोलन करेगा।

ज्ञानवापी मस्जिद की तरह कर्नाटक के मंगलुरु में भी एक मस्जिद पर उठी उंगलियां, विहिप ने मंदिर बताते हुए आंदोलन करने की बात कही
बेंगलुरु: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद की तरह कर्नाटक के मंगलुरु में भी एक मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने दावा किया है कि ये मस्जिद भी हिंदुओं के मंदिर को कथिततौर पर तोड़कर बनाई गई है और इसे हासिल करने के लिए विश्व हिंदू परिषद के नेताओं द्वारा आंदोलन की धमकी के बाद जिला प्रशासन काफी सतर्क हो गया है।
इस मामले में मंगलवार की रात मंगलुर जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए आदेश दिया कि उनकी इजजात के बिना कोई भी मंगलुरु में जुमा मस्जिद की 500 मीटर की सीमा के दायरे में प्रवेश नहीं कर सकता है।
वहीं विश्व हिंदू परिषद का दावा है कि पिछले महीने जब इस जुमा मस्जिद की मरम्मत का काम किया गया था तो मस्जिद के नीचे कथित तौर पर मंदिर जैसी संरचना देखने को मिली है
विहिप की धमकी के बाद मंगलुरु जिला प्रशासन ने मंगलवार रात आठ बजे से गुरुवार की सुबह आठ बजे तक धारा 144 लागू कर दी है। जानकारी के मुताबिक रविवार को इस विवादित मामले में विहिप की ओर से एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि 26 मई से पहले मस्जिद परिसर के पास में नहीं लेकिन गांव में पारंपरिक 'थंबुला प्रश्न' की रस्म अदायगी होगी और उसके बाद मस्जिद में हिंदू देवताओं की होने का पता लगाने के लिए 'अष्टमंगला प्रशन' का आयोजन किया जाएगा।
लेकिन 26 मई से पहले ही विहिप और बजरंग दल ने मलाली में श्री रामंजनेय भजन मंदिर में 'तंबुला प्रश्न' का आयोजन कर दिया और उसके लिए बाकायदा धार्मिक रिवाजों के मुताबिक अनुष्ठान का भी आयोजन किया गया।
इस तरह का तनाव देखते हुए मंगलुरु जिला प्रशासन ने क्षेत्र में शांति-व्यवस्था बनाये रखने के लिए और कानून व्यवस्था को कायम करने के लिए भारी संख्या में पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया है।
इस मामले में मंगलुरु के पुलिस कमिश्नर एनएस कुमार ने बताया कि पुलिस मामले पर बराबर नजर बनाये हुए है और उन्हें उम्मीद है कि स्थिति पुलिस के नियंत्रण में है क्योंकि इस विवाद के मामले में दोनों पक्षों ने कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हिंदू संगठन ने जो अनुष्ठान आयोजित किया था वो सुबह 8.30 बजे शुरू हुआ और 11 बजे तक चला। क्षेत्र में आवश्यक सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है। वहीं पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वो इलाके में किसी भी तरह की अप्रीय स्थिति न उतपन्न होंने दें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें।"
वहीं इस विवाद में हिंदू पक्ष की ओर से बोलते हुए विहिप के एक नेता ने कहा, "गांव के सारे हिंदूओं को इस बात पर पूरा विश्वास है कि यह मस्जिद पहले मंदिर था, जिसे तोड़कर यहां मस्जिद बनाई गई है। वहां निश्चित रूप से भगवान का वास है। हम अभी अपने धार्मिक रस्मों के जरिये पता लगा रहे हैं और उस जगह को हासिल करने के लिए हम जल्द ही एक कमेटी बनाने वाले हैं। चूंकि मुस्लिम पक्ष भी इस मामले में अड़ा हुआ है, इसलिए इस मस्जिद की लड़ाई भी राम मंदिर अभियान की तरह हो सकती है।”
वहीं इस पूरे विवाद पर स्थानीय भाजपा विधायक भरत शेट्टी का कहना है कि इस विवाद का पता लगाने के लिए पुरातत्व विभाग को पड़ताल करनी चाहिए और पुरातत्व के सर्वेक्षण में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)