सवाल उठने के बाद पूर्व CJI रंजन गोगोई ने कहा- शपथ लेने दीजिए, फिर करूंगा विस्तार से बात कि मैं क्यों जा रहा हूं राज्यसभा
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 17, 2020 14:44 IST2020-03-17T14:44:08+5:302020-03-17T14:44:08+5:30
पूर्व सीजेआई गोगोई ने उस पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व किया जिसने गत वर्ष नौ नवम्बर को संवेदनशील अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था। वह उसी महीने बाद में सेवानिवृत्त हो गए थे।

राज्यसभा जाने को लेकर रंजन गोगोई की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। (फाइल फोटो)
पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद से उनके ऊपर कटाक्ष किया जा रहा है, जिसके बाद मंगलवार (17 मार्च) को उनकी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने साफ कर दिया है कि शपथ लेने के बाद वह बताएंगे कि राज्यसभा क्यों जा रहे हैं?
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, रंजन गोगोई ने कहा, 'मैं शायद कल दिल्ली जाऊंगा। पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से बात करूंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं।'
दरअसल, कांग्रेस ने रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने को लेकर सोमवार कटाक्ष किया और कहा कि तस्वीरें सबकुछ बयां करती हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर दो खबरें शेयर करते हुए यह टिप्पणी की थी। उन्होंने जो खबरें शेयर की थीं उनमें से एक में गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किये जाने की थी और दूसरी में कहा गया था कि न्यायपालिका पर जनता का विश्वास कम होता जा रहा है।
इससे पहले सरकार ने सोमवार को रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया। इस संबंध में एक अधिसूचना गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई। अधिसूचना में कहा गया, टभारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उपखंड (ए), जिसे उस अनुच्छेद के खंड (3) के साथ पढ़ा जाए, के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति को श्री रंजन गोगोई को राज्यसभा में एक सदस्य का कार्यकाल समाप्त होने से खाली हुई सीट पर मनोनीत करते हुए प्रसन्नता हो रही है।'
Former Chief Justice of India, Ranjan Gogoi: I'll go to Delhi probably tomorrow. Let me first take the oath then I will speak in detail to the media that why I accepted this and why I am going to Rajya Sabha. (file pic)
— ANI (@ANI) March 17, 2020
He has been nominated to Rajya Sabha by President Kovind. pic.twitter.com/aqRxtDtykl
यह सीट केटीएस तुलसी का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई थी। गोगोई ने उस पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व किया जिसने गत वर्ष नौ नवम्बर को संवेदनशील अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था। वह उसी महीने बाद में सेवानिवृत्त हो गए थे। गोगोई ने साथ ही सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल लड़ाकू विमान सौदे संबंधी मामलों पर फैसला देने वाली पीठों का भी नेतृत्व किया।