पाक सीमा के पास ‘डोर्नियर एयरक्रॉफ्ट स्क्वाड्रन’ तैनात, अत्याधुनिक सेंसर और उपकरणों से लैंस, नौसेना की ताकत बढ़ी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 30, 2019 16:39 IST2019-11-30T16:39:24+5:302019-11-30T16:39:24+5:30
उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल एमएस पवार ने इसे शामिल किया। इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 314 को ‘रैपटर्स’ कहा जाता है। यह अगली पीढ़ी के चार डोर्नियर विमानों के साथ संचालित होगा, जिन्हें हाल में शामिल किया गया है।

उप नौसेना प्रमुख ने कहा कि डोर्नियर तीन दशक से हमारे लिए निगरानी का काम कर रहे हैं।
भारतीय नौसेना ने गुजरात में रणनीतिक रूप से अहम पोरबंदर शहर में अपने छठे ‘डोर्नियर एयरक्रॉफ्ट स्क्वाड्रन’ को बेड़े में शामिल किया। इससे पाकिस्तान से लगती समुद्री सीमा के नजदीक तटीय सुरक्षा और मजबूत होगी।
उप नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल एमएस पवार ने इसे शामिल किया। इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 314 को ‘रैपटर्स’ कहा जाता है। यह अगली पीढ़ी के चार डोर्नियर विमानों के साथ संचालित होगा, जिन्हें हाल में शामिल किया गया है।
इस मौके पर पवार ने कहा कि उत्तरी अरब सागर में समुद्री सुरक्षा और निगरानी को बढ़ाने की हमारी कोशिश में इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन 314 को शामिल करना एक और मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि स्क्वाड्रन इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सबसे पहले जवाब देगा।
उप नौसेना प्रमुख ने कहा कि डोर्नियर तीन दशक से हमारे लिए निगरानी का काम कर रहे हैं और स्वदेशीकरण के हमारे प्रयास में अग्रणी है। नौसेना की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि नौसेना 12 नए डोर्नियर विमान हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटिड से खरीद रही है जो अत्याधुनिक सेंसर और उपकरणों से लैंस होंगे।
साथ में उनमें आधुनिक निगरानी रडार होंगे। विमान का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशन, समुद्री निगरानी, खोज एवं बचाव आदि के लिए किया जा सकता है। भारतीय नौसेना ने छठा डोर्नियर विमान स्क्वाड्रन शामिल किया है। पवार ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में संकट के समय में मानवीय सहायता में भारतीय नौसेना ने हमेशा की तरह सबसे आगे रहेगी।