गर्मी से लेह-लद्दाख में हाल बेहाल, नहीं उड़ान भर पा रहे विमान, कई उड़ानें रद्द, हवाई अड्डे पर भी फंसे यात्री

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 30, 2024 17:35 IST2024-07-30T17:33:50+5:302024-07-30T17:35:25+5:30

भारत की सबसे ठंडी जगहों में गिना जाने वाला लेह-लद्दाख इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहा है। लेह-लद्दाख अब इतना गर्म हो गया है कि दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

Leh-Ladakh become too hot planes are not able to take off flights cancelled passengers stranded at the airport | गर्मी से लेह-लद्दाख में हाल बेहाल, नहीं उड़ान भर पा रहे विमान, कई उड़ानें रद्द, हवाई अड्डे पर भी फंसे यात्री

बढ़े तापमान के कारण कई उड़ानें प्रभावित (फाइल फोटो)

Highlightsलेह-लद्दाख इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहा हैदिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया हैइस बढ़े तापमान के कारण कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं

नई दिल्ली: भारत की सबसे ठंडी जगहों में गिना जाने वाला लेह-लद्दाख इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहा है।  लेह-लद्दाख अब इतना गर्म हो गया है कि दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इस बढ़े तापमान के कारण कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं। कई भारतीय एयरलाइंस ने बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करने की घोषणा की है। एक्स पर कई उपयोगकर्ताओं ने  लेह हवाई अड्डे पर फंसे होने की सूचना दी है। सामने आया है कि पिछले तीन दिनों में लगभग 12 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।

बढ़े तापमान के कारण इंडिगो ने अपनी वेबसाइट पर 31 जुलाई तक उड़ान बुकिंग रद्द कर दी है। एक्स पर एक पोस्ट में, एयरलाइन ने रद्दीकरण से प्रभावित यात्रियों को रिफंड की घोषणा की। एयरलाइन ने बताया है कि ह में उच्च जमीनी तापमान और रनवे प्रतिबंधों के कारण उड़ान रद्द करना आवश्यक हो गया है। यदि आप दोबारा बुकिंग करना चाहते हैं या रिफंड का दावा करना चाहते हैं, तो https://bit.ly/3MxSLeE पर जाएं। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है।

लेह-लद्दाख में खराब मौसम के कारण उड़ानें रद्द होना आम बात है लेकिन ह पहली बार है कि दिन के असहनीय उच्च तापमान के कारण बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द की गई हैं। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार लेह की तरह उच्च ऊंचाई पर कम वायु घनत्व, विमान के इंजन के प्रदर्शन को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हवा का तापमान गिरता है और हवा का दबाव कम होता है। इससे हवा के अणुओं का विस्तार होता है और समग्र वायु घनत्व कम हो जाता है। वायु घनत्व में इस कमी का मतलब है कि कम ऑक्सीजन उपलब्ध है। 

लेह हवाई अड्डा समुद्र तल से 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित है। यह देश के अन्य स्थानों की तुलना में विमान संचालन के लिए बेहद कठिन है। लेह में हवा का दबाव साल भर स्वाभाविक रूप से कम रहता है। हवा का कम घनत्व विमान के इंजन के प्रदर्शन को प्रभावित करता है। विशेष रूप से टेक ऑफ और  लैंडिंग के दौरान। ऊंचाई पर बने रहने के लिए इंजन को पुरी क्षमता से चलाना पड़ता है। ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में असामान्य तापमान के साथ  विमान के इंजन भार उठाने के लिए पर्याप्त जोर पैदा करने में सक्षम नहीं होते।
 

Web Title: Leh-Ladakh become too hot planes are not able to take off flights cancelled passengers stranded at the airport

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