भरण-पोषण कानून में कानूनी खामियां, अपराधियों को बच निकलने में मदद कर रही हैं : अदालत

By भाषा | Published: November 20, 2021 06:12 PM2021-11-20T18:12:49+5:302021-11-20T18:12:49+5:30

Legal loopholes in maintenance law helping criminals escape: Court | भरण-पोषण कानून में कानूनी खामियां, अपराधियों को बच निकलने में मदद कर रही हैं : अदालत

भरण-पोषण कानून में कानूनी खामियां, अपराधियों को बच निकलने में मदद कर रही हैं : अदालत

नयी दिल्ली, 20 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भरण-पोषण कानून में "कानूनी खामियों" के कारण "उल्लंघन करने वाले पक्षों के बच निकलने" पर अपनी चिंता व्यक्त की है। इसने निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें एक व्यक्ति को अपनी 'पत्नी' को भरण-पोषण के लिए खर्च देने को कहा गया था, जबकि यह पाया गया कि दोनों पक्षों के दूसरे जीवन साथी हैं।

दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए भुगतान करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने सुनवाई करते हुए कहा कि उन्हें महिला की स्थिति से सहानुभूति है लेकिन वह लागू कानून के अनुसार उसे भरण-पोषण भत्ता नहीं देने के आदेश के लिए विवश हैं क्योंकि दूसरी पत्नी के रूप में उसका विवाह पहली शादी के वैध रहने के कारण अमान्य है, वह कानूनी रूप से विवाहित पत्नी नहीं मानी जाएगी।

न्यायाधीश ने कहा कि पक्षकारों के पति और पत्नी के रूप में रहने के बावजूद, "वैध विवाह की परिकल्पना कानूनी रूप से उचित नहीं है" क्योंकि दोनों पहले से ही अपने-अपने जीवनसाथी से विवाहित रिश्ते में थे और उनकी शादियां चल रही थीं।

सीआरपीसी की धारा 125 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति पर्याप्त साधन रखते हुए अपनी पत्नी का भरण-पोषण करने से इनकार करता है, जो खुद का भरण-पोषण करने में असमर्थ है, तो निचली अदालत ऐसे व्यक्ति को उसके भरण-पोषण के लिए मासिक भत्ता देने का आदेश दे सकती है।

अदालत ने कहा कि धारा में निहित सामाजिक न्याय कारक के बावजूद, इसका उद्देश्य विफल हो गया है क्योंकि यह उस शोषण को रोकने में विफल रहता है जिसे रोकने के लिए इसे बनाया गया है।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “इस अदालत को यह दुर्भाग्यपूर्ण लगता है कि कई महिलाओं, विशेष रूप से समाज के गरीब तबके की महिलाओं का इस तरह से नियमित रूप से शोषण किया जाता है, और कानूनी खामियां आपराधिक पक्षों को पूरी तरह से बच निकलने की अनुमति देती हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Legal loopholes in maintenance law helping criminals escape: Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे