बिहार: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा का आरोप, घोटाले के आरोपी को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर प्रेजेंटेसन दिलाई जाती थी
By एस पी सिन्हा | Published: August 27, 2022 04:41 PM2022-08-27T16:41:25+5:302022-08-27T16:41:57+5:30
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीबीआई ने जिसके खिलाफ करोड़ों के घोटाले का केस दर्ज किया था, उसे मुख्यमंत्री आवास में बुलाया कर स्किल डेवलपमेंट पर प्रेजेंटेसन दिलाई जाती थी।
पटना: बिहार में भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष बनाए जाते ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में नीतीश सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। घोटाले के आरोपी को स्किल डेवलपपेंट का काम दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीबीआई ने जिसके खिलाफ करोड़ों के घोटाले का केस दर्ज किया था, उसे मुख्यमंत्री आवास में बुलाया कर स्किल डेवलपमेंट पर प्रेजेंटेसन दिलाई जाती थी। प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए विजय कुमार सिन्हा ने राजस्व पर्षद के एक पत्र का हवाला देकर सनसनी फैला दी है।
उन्होंने कहा कि श्रम संसाधन विभाग में कौशल विकास मिशन के लिए एमकेसीएल पुणे को चयन किया गया। उन्होंने कहा कि विवेक सावंत जो घोटाले का आरोपी है, उसे मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर स्किल डेवलपमेंट पर प्रेजेंटेशन दिलवाया गया, यह गंभीर बात है।
कहीं न कहीं विवेक सावंत के माध्यम से कौशल विकास मिशन में करोड़ों का घोटाला किया गया है। रोजगार की जानकारी के लिए प्लेसमेंट पोर्टल का प्रावधान करना था। 3 वर्षों तक बिना प्रावधान किए करोड़ों रुपए प्राप्त किया गया और जनवरी 2020 में पोर्टल खोला गया।
जिसके द्वारा लगातार गलत सूचना देकर विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशियों का गबन किया जा रहा है और 5 वर्षों में मात्र 10 से 20 प्रतिशत छात्रों को ही प्रशिक्षित किया गया।
नेता प्रतिपक्ष ने राजस्व पर्षद के अपर सदस्य सुधीर कुमार के द्वारा श्रम संसाधन विभाग को भेजे गये पत्र का हवाला भी दिया गया है। दरअसल, पर्षद के अपर सदस्य सुधीर कुमार ने 12 अप्रैल 2021 को श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा था। पत्र में विभाग से 6 बिंदूओं पर जानकारी मांगी थी।
पत्र में पहला सवाल था किसके आदेश से कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष को 9 अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में बुलाया था? क्या श्रम संसाधन विभाग के मंत्री को अनुमोदन प्राप्त था? क्या श्रम साधन विभाग को जानकारी नहीं थी कि विवेक सावंत जो मुख्यमंत्री आवास पर स्किल डेवलपमेंट का प्रजेंटेशन दे रहे थे, उनके खिलाफ सीबीआई कोर्ट में करोड़ों के गबन मामले में मुकदमा है?
राजस्व पर्षद ने 9 अप्रैल 2016 की कार्यवाही उपलब्ध करवाने को कहा था। साथ ही उस बैठक में बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने स्किल डेवलमेंट के किस योजना को कार्यान्वित किया इसकी जानकारी मांगी थी। उस बैठक में कौन कौन उपस्थित थे? इस बारे में भी जानकारी देने को कहा था।
उन्होंने बताया कि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। पदाधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा किया गया है। जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को थी, इसके बावजूद इसे रोकने की कोशिश नहीं की गयी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन भ्रष्ट कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने हम से नाता तोड़ा। लेकिन खुद भ्रष्ट पदाधिकारियों को बचाने का काम करते हैं।
पहले भी निगरानी की छापेमारी में इंजीनियर को थाने से जमानत मिल गई थी। साथ हीं उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश सरकार कौशल विकास मिशन में करोड़ों के वारे-न्यारे की जांच जांच एजेंसी से कराए।