मोदी सरकार में बेहतर हुई रेल सुरक्षा, पिछले 35 सालों में 2017-18 में हुईं सबसे कम रेल दुर्घटनाएँ
By स्वाति सिंह | Updated: April 1, 2018 14:36 IST2018-04-01T12:10:33+5:302018-04-01T14:36:45+5:30
रिपोर्ट के अनुसार 30 मार्च 2018 तक दर्ज रेल दुर्घटनाओं की संख्या 73 रही जो पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 104 दुर्घटनाओं से 29 प्रतिशत कम रहीं।

मोदी सरकार में बेहतर हुई रेल सुरक्षा, पिछले 35 सालों में 2017-18 में हुईं सबसे कम रेल दुर्घटनाएँ
नई दिल्ली, 1 अप्रैल: रेल दुर्घटनाओं को लेकर विपक्ष, मीडिया और सोशल मीडिया के निशाने पर रही नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बीता वित्त वर्ष 2017-18 राहत की खबर लेकर आया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले 35 सालों मेंं ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी वित्त वर्ष में 100 से कम रेल हादसे हुए। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 30 मार्च 2018 तक दर्ज रेल दुर्घटनाओं की संख्या 73 रही जो पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 104 दुर्घटनाओं से 29 प्रतिशत कम रहीं।
इससे पहले वित्तीय वर्ष 1968-69 में रेल दुर्घटनाओं की संख्या पहली बार तीन अंकों की 908 हुई थी। साल 1980-81 में रेलवे ने 1,013 दुर्घटनाओं को दर्ज किया था। द संडे एक्सप्रेस के मुताबिक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया कि हम हमेशा से प्रार्थना करते हैं कि किसी तरह की कोई दुर्घटना ना हो। आप देखते ही होंगे की हमने सुरक्षा को हर तरह से जोर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां एक स्वैच्छिक रिपोर्टिंग प्रणाली भी है, जिसमें हर रेलवे कर्मचारी को अज्ञात रूप से भारत में कहीं भी सुरक्षा संबंधी किसी भी प्रकार की गलती के बारे में रिपोर्ट कर सकता है।
बता दें कि रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और लोहानी के नेतृत्व में रेलवे बोर्ड ने कई क्षेत्रों में गतिरोधों जैसे कई क्षेत्रों में अस्थायी रूप से प्रभावित कार्यों की लागत पर सुरक्षा उन्नयन कार्यों पर बल दिया है।
रेल की सुरक्षा मंत्रालय की प्राथमिकात में है। हाल ही में भारतीय रेलवे ने 90 हजार पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे जिसकी आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 थी। ये पद सातवें वेतन आयोग के लेवल-2 और लेवल-3 के तहत आते हैं। इन पदों के लिए आखिरी तारीख से एक दिन पहले तक दो करोड़ 80 लाख लोग आवेदन कर चुके थे। इन पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा होगी। इन सभी पदों के लिए 10वीं पास और आईटीआई या समकक्ष डिग्री योग्यता निर्धारित थी।
भारतीय रेलवे अभी 20 हजार और पदों पर भर्ती करने वाला है। माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं से घिरी सरकार ने रेलवे की नौकरियों के माध्यम से आलोचनाओं की धार कुंद करने का फैसला किया है।