नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में 2012 से 2021 तक पिछले 10 वर्षों में बड़े अपराधों की सूचना दर्ज कराने के मामले में 440 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
मामलों की जांच के साथ मुकदमे की सुनवाई को भी दर्शाया गया
प्रजा फाउंडेशन द्वारा 'स्टेट ऑफ पुलिसिंग एंड लॉ एंड ऑर्डर इन दिल्ली' पर तैयार रिपोर्ट में मामलों की जांच के साथ-साथ दिल्ली में मुकदमे की सुनवाई के बारे में भी प्रकाश डाला गया है। इस रिपोर्ट पर दिल्ली पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
सबसे ज्यादा चोरी और झपटमारी के मामले दर्ज हुए
रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2021 के बीच चोरी और झपटमारी के दर्ज अपराधों में क्रमश: 827 फीसदी और 552 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि छेड़छाड़, बलात्कार और अपहरण/अपहरण के पंजीकृत अपराधों में क्रमश: 251 प्रतिशत, 194 प्रतिशत और 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अपराध की राजधानी बनती जा रही दिल्ली- सिसोदिया
इससे पहले दिल्ली के बलजीत नगर में एक हत्या की घटना के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को पत्र लिखकर उनसे सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के अपने संवैधानिक कर्तव्य का संज्ञान लेने की अपील की है।
पत्र में उन्होंने दावा किया कि शहर में अपराध का ग्राफ बढ़ा है और ऐसा लगता है कि दिल्ली अपराध की राजधानी बन गई है। उन्होंने दिल्ली में कथित तौर पर बिगड़ती कानून-व्यवस्था का भी जिक्र किया।
मनीष सिसोदिया ने क्या कहा
मामले में सिसोदिया ने पत्र लिखा और कहा, ‘‘संविधान ने दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी आपको (उपराज्यपाल) को दी है और पुलिस सीधे आपको रिपोर्ट करती है। मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया इस ओर थोड़ा ध्यान देने की कृपा करें।’’ आपको बता दें कि सिसोदिया ने पत्र में दिल्ली में हुई हालिया आपराधिक घटनाओं का भी जिक्र किया है।
हरियाणा में बढ़े है अपराध- कांग्रेस
वहीं इससे पहले हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार के आठ साल घोटालों और अपराध एवं बेरोजगारी में बढ़ोतरी से घिरे रहे हैं।
राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर चौतरफा हमला करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), युवाओं को रोजगार, बुजुर्गों को पेंशन, बच्चों को वजीफा, व्यापारियों को राहत और लोगों को सुरक्षा देने में विफल रही है।
कोविड-19 महामारी को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिया बयान
उन्होंने दावा किया कि यहां तक कि कोविड-19 महामारी के दौरान मरीजों को ऑक्सीजन और दवाइयों की सुविधाएं भी मुहैया नहीं करवाई गईं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘इस सरकार के आठ साल के शासन में हरियाणा बेरोजगारी, अपराध, नशाखोरी, भ्रष्टाचार और किसानों पर हो रहे अत्याचार के मामलों में पहले स्थान पर पहुंच गया है।’’