Land For Job Scam: लालू यादव की मुश्किलें?, राजद प्रमुख मुख्य साजिशकर्ता, चार्जशीट में ईडी का दावा, जानें आगे क्या...
By एस पी सिन्हा | Updated: September 27, 2024 18:24 IST2024-09-27T18:22:59+5:302024-09-27T18:24:08+5:30
Land For Job Scam: ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि लालू यादव ने अपने परिवार और सहयोगियों के जरिए घोटाले से अर्जित जमीन को छिपाने के लिए ऐसी साजिश रची कि उसका लिंक डायरेक्ट उनके परिवार से नहीं जुड़ पाए।

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Land For Job Scam: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद प्रमुख लालू यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। घोटाले की जांच कर रही ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। साथ ही दावा किया गया है कि रेलवे में नौकरी और उसके बदले जमीन का लेनदेन खुद लालू यादव ही तय करते थे। चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर प्लॉट लिए थे। ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि लालू यादव ने अपने परिवार और सहयोगियों के जरिए घोटाले से अर्जित जमीन को छिपाने के लिए ऐसी साजिश रची कि उसका लिंक डायरेक्ट उनके परिवार से नहीं जुड़ पाए।
ईडी के अनुसार लालू यादव ने सुनिश्चित किया कि जमीन के इन टुकड़ों को इस तरह हस्तांतरित किए जाएं कि उनकी (लालू यादव की) प्रत्यक्ष भागीदारी अस्पष्ट हो जाए और उनके परिवार को लाभ मिल सके। ईडी के मुताबिक मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरी का वादा करके अपनी जमीन कौड़ियों के भाव बेचने के लिए राजी किया गया था।
इनमें से कई भू-खंड यादव परिवार के पास पहले से मौजूद जमीनों के नजदीक मौजूद थे। इसमें शामिल सात में से छह भू-खंड लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी से जुड़े थे और उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किया गया था। ईडी की ओर से यह भी कहा गया है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि नौकरी के बदले जमीन योजना के बीच संबंधों को और अधिक अस्पष्ट करने के लिए मेसर्स एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल किया गया था।
साजिश को आगे बढ़ाते हुए, एक करीबी सहयोगी अमित कत्याल ने एके इंफोसिस्टम्स का स्वामित्व, जिसके पास बहुमूल्य भूमि के टुकड़े थे, मामूली कीमत पर राबड़ी देवी और लालू के बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को हस्तांतरित कर दिया। ईडी के मुताबिक लालू यादव के करीबी भोला यादव इस लेनदेन के मुख्य सूत्रधार रहे हैं।
भोला ने यादव परिवार की जमीन के नजदीक के भू स्वामियों को रेलवे में नौकरी के बदले अपनी संपत्ति बेचने के लिए राजी करने की बात स्वीकार की है। ईडी ने कहा कि जमीन के ये सौदे लालू यादव के परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे, जिसमें राबड़ी देवी के निजी कर्मचारियों हृदयानंद चौधरी और लल्लन चौधरी जैसे बिचौलियों के माध्यम से जमीन हस्तांतरित की गई थी।
ईडी के मुताबिक कई अधिग्रहित संपत्तियों को दूर के रिश्तेदारों से उपहार के रूप में दर्शाया गया था, लेकिन लालू की बेटी मीसा भारती ने इन व्यक्तियों को जानने से इनकार किया। ईडी ने अपने आरोप-पत्र में इन भूमि अधिग्रहणों की अवैध प्रकृति को छिपाने के लिए उपहार और शेल कंपनियों के उपयोग का भी जिक्र किया है।
ईडी के अनुसार तेजस्वी यादव ने पीएमएलए के तहत अपने बयान के दौरान स्वीकार किया कि जब वह एके इंफोसिस्टम्स में शेयरधारक थे, तब कंपनी ने कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं की थी, और वह इसके संचालन से संबंधित कई विवरणों से अनजान थे। उन्होंने नई दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संपत्ति में उनके द्वारा किए गए निवेश को स्वीकार किया जो घोटाले से जुड़ा था।