बिहार: गंगा नदी में लाशों के मिलने पर लालू ने फिर साधा नीतीश पर निशाना, तेजस्वी ने उठाए टेस्टिंग के आंकड़ों पर सवाल
By एस पी सिन्हा | Published: May 14, 2021 04:04 PM2021-05-14T16:04:46+5:302021-05-14T16:11:09+5:30
कोरोना महामारी को लेकर राजद लगातार बिहार सरकार और नीतीश कुमार पर हमलावर है। लालू यादव ने जहां गंगा नदी में मिल रही लाशों का मुद्दा उठाया तो वहीं, तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि सरकार आंकड़ों में फर्जीवाड़ा कर रही है।
पटना: बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा में लाशों का अम्बार देखा जा रहा है. इस तरह से गंगा नदी में लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है. इस घटना को लेकर राजनितिक पार्टियां सरकार को निशाना बना रही हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी लगातार ट्वीट कर कटाक्ष कर रहे हैं.
लालू यादव ने एकबार फिर शवों को लेकर कटाक्ष किया है. उन्होंने गंगा नदी में तैर रहे शवों पर जहां यूपी सरकार को घेरा है, वहीं तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहारियों की जिंदगी से खिलवाड बंद करने को कहा है. लालू यादव ने गंगा में लाशों का अंबार लगने को शर्मनाक बताया है.
लालू यादव ने यूपी और बिहार के बेटों से अपील की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि गंगा मैया की गोद में लाशों का अंबार लगना बेहद चिंताजनक, दर्दनाक और शर्मनाक है. किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है? यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदायिनी गंगा मां को बचाओ.
गंगा मैया की गोद में लाशों का अम्बार लगना बेहद चिंताजनक, दर्दनाक और शर्मनाक है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 14, 2021
किसकी लापरवाही से यह सब हो रहा है?
यूपी-बिहार के बेटों अपनी जीवनदायिनी गंगा माँ को बचाओ।
उल्लेखनीय है कि बिहार में गंगा में बहती हुई लाशों पर देश में चर्चा छिड़ गई है. बक्सर के चौसा के महादेवा घाट पर चार दिन पहले उतराती लाशों की खबर सामने आने के बाद करीब 100 शवों को प्रशासन ने निकाला था.
इसके बाद गुरुवार को पटना के गुलबी घाट पर भी दो लाशें दिखी थीं. इसके बाद लाशों को लेकर बिहार में राजनीति गर्मा गई है. लालू ने यूपी और बिहार के लोगों से आह्वान किया है कि जीवनदायिनी गंगा को बचायें.
तेजस्वी ने कोरोना टेस्टिंग पर उठाए सवाल
लालू के साथ ही तेजस्वी यादव एक बार फिर नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं. उन्होंने बिहार में कोरोना की टेस्टिंग पर सवाल उठाते हुए बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा है कि "आदरणीय नीतीश जी, बिहार की जनता आपकी सरकारी कारिस्तानियों से अनभिज्ञ नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की सारी रिपोर्ट्स आखिर आपके दावों के विपरीत क्यों होती है? आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कर कृपया राज्यवासियों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना बंद करिए."
ट्विटर पर उन्होंने आगे लिखा है कि डब्ल्यूएचओ व आइसीएमआर मानक के अनुसार आरटी पीसीआर टेस्ट कोरोना जांच का गोल्ड स्टैंडर्स है और उसे कुल जांच का 70 फीसदी होना चाहिए.
WHO व ICMR मानक के अनुसार RT-PCR टेस्ट कोरोना जाँच का Gold Standard है और उसे कुल जाँच का 70% होना चाहिये।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 14, 2021
लेकिन बिहार में नीतीश सरकार ठीक इसके विपरीत मात्र 25-30% RT-PCR जाँच कर रही है।इससे भी आश्चर्यजनक तथ्य ये है कि पिछले माह की तुलना में 41% कटौती की है जबकि +ve rate 20% है। https://t.co/P0bIkrnBK8
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में नीतीश सरकार ठीक इसके विपरीत मात्र 25-30 फीसदी आरटी पीसीएर जांच कर रही है. इससे भी आश्चर्यजनक तथ्य ये है कि पिछले माह की तुलना में बिहार सरकार ने इस जांच संख्या में 41 फीसदी कटौती की है जबकि पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी है.
इसके साथ ही तेजस्वी ने एक मीडिया रिपोर्ट को साझा किया है. जिसमें ये कहा गया है कि बिहार में आरटी-पीसीआर टेस्ट में 40 फीसदी की गिरावट हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 1 अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच औसतन 34 हजार 174 टेस्ट प्रतिदिन किये गए. जबकि इस महीने 1 मई से 10 मई के बीच रोजाना औसतन 20 हजार 200 टेस्ट ही आरटी-पीसीआर के माध्यम से किये गए.
बिहार कोरोना के घटने के दावे फर्जी: राजद
केंद्र सरकार के आंकड़े के मुताबिक बिहार में एंटीजन टेस्ट की संख्या में पिछले महीने की तुलना इस महीने शुरू के दस दिनों में तक़रीबन 22 फीसदी की वृद्धि हुई है. उधर, पिछले कुछ दिनों से लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण के घटने के सरकार के दावे को राजद ने फर्जी बताया है.
राजद ने ट्वीट के जरिए बिहार सरकार के कोरोना आंकडों पर सवाल खडे किए है. राजद के अनुसार, बिहार सरकार का यह दावा कि कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आ रही है और अब कोरोना पर धीरे-धीरे नियंत्रण किया जा रहा है, यह गलत है. राजद का कहना है कि वास्तविकता इसके ठीक उलट है.
अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर राजद के तरफ से गांवों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को मुद्दा बनाया गया. राजद के अनुसार, कोरोना गांवों तक पहुंच गया है और ट्वीट में आगे लिखा गया है कि जब शहरों के अस्पताल इतने दयनीय हैं तो गांवों की हालत समझ सकते हैं. वहीं आंकड़ों से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए लिखा गया कि सरकार के लिए अब गांवों से आंकडों का खेल खेलना बहुत आसान है.