लालू प्रसाद यादव का पीछा नहीं छोड़ रहा चारा घोटाले का जिन्न, अब खड़ी हुई नई मुसीबत!
By एस पी सिन्हा | Updated: October 3, 2019 15:34 IST2019-10-03T15:34:55+5:302019-10-03T15:34:55+5:30
बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के सजायाफ्ता होने के बावजूद भी चारा घोटाला मामले का जिन्न उन्हें बेचैन किये हुए है...

लालू प्रसाद यादव का पीछा नहीं छोड़ रहा चारा घोटाले का जिन्न, अब खड़ी हुई नई मुसीबत!
बिहार-झारखंड के बहुचर्चित चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भले ही सलाखों के पीछे कर दिया है. लेकिन चारा घोटाला का जिन्न अभी भी उन्हें बेचैन किये हुए है. यह जिन्न डोरंडा (रांची) कोषागार से अवैध निकासी के मामले में अदालत से लगातार दस्तक दे रहा है.
यहां बता दें कि चाईबासा, दुमका और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव सलाखों के पीछे हैं. चाईबासा के एक सप्लिमेंट्री मामले पर फैसले के साथ ही चारा घोटाले में 53 में से 51 केस का निष्पादन हो गया. दरअसल, चारा घोटाला मामले में विभिन्न कांड संख्या के तहत कुल 53 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें लालू यादव के ऊपर पांच मामले दर्ज हुए थे. मौजूदा स्थिति में 51 केस का निष्पादन कर दिया गया है, जबकि डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दो मामले पेंडिंग हैं.
यह घोटाला तकरीबन 139 करोड़ का है. लोक अभियोजक के मुताबिक यह चारा घोटाला का सबसे बड़ा मामला रहा है. इसके निष्पादन के लिए सात स्पेशल कोर्ट का गठन और स्पीडी ट्रायल हुआ. चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में लालू यादव सहित कई लोग आरोपी बनाए गए थे, जिसमें से चार मामलों में सभी को सजा सुनाई जा चुकी है. डोरंडा का जिन्न आए दिन इन दोषियों को कोर्ट से दस्तक दे रहा है. खासकर लालू प्रसाद यादव की बात करें तो उन्हें चाईबासा के दो मामले और देवघर और दुमका के मामले में सजा सुनाई जा चुकी है. वह रांची के होटवार जेल की निगरानी में रिम्स की चारदीवारी में कैद हैं.
वहीं, लालू यादव के अधिवक्ता के मुताबिक बेल पेटिशन को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से खारिज कर दिया गया है. छुट्टियों के बाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने बताया कि जब चाईबासा के मामले पर लालू प्रसाद यादव को सजा हुई थी तो उस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बेल दे दिया है. अन्य सभी मामलों पर एक ही गवाह और एक ही दस्तावेज पेश किया गया है. इसीलिए इस ग्राउंड पर वह सुप्रीम कोर्ट से बेल की अपील करेंगे.
बीते दिनों इसी मामले में 5 साल की सजा काट रहे एक अन्य अभियुक्त को सुप्रीम कोर्ट ने बेल दी है. बहरहाल, डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में हर रोज सुनवाई का दौर जारी है. लेकिन ऐसे में लालू प्रसाद यादव की नजरें अब एकबार फिर से डोरंडा कोषागार मामले पर टिकी हुई है, जिसपर अभी सुनवाई जारी है. इस मामे में अदालत का क्या फैसला आता है, लालू यादव का भविष्य इसपर भी टिका होगा, कारण कि अगर अन्य मामलों में उन्हें जमानत मिल भी जाती है तो डोरंडा का फैसला उन्हें सलाखों के बाहर नही निकलने देगा. ऐसे में यह देखने लायक होगा कि कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है या फिर चारा घोटाला का जिन्न उन्हें जेल की चारदीवारी में ही कैद रखता है.