लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में केरल हाईकोर्ट के फैसले को किया खारिज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 22, 2023 02:40 PM2023-08-22T14:40:36+5:302023-08-22T14:48:38+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने आज लक्षद्वीप से लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल के हत्या के प्रयास के मामले में दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करने के केरल हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने आज लक्षद्वीप से लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल के हत्या के प्रयास के मामले में दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करने के केरल हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में केरल हाईकोर्ट को आदेश दिया है कि वो आगामी छह सप्ताह में नए सिरे से इस केस पर विचार करें।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस नये आदेश के बाद केरल हाईकोर्ट को तय समय की अवधि में लक्षद्वीप प्रशासन की अपील पर नए सिरे से लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल को दिये गये राहत पर फैसला करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हाईकोर्ट द्वारा लोकसभा सांसद की दोषसिद्धि और सजा को निलंबित के संबंध में दिया गया आदेश न्यायिक दृष्टिकोण से "गलत" है।
दरअसल केरल की निचली अदालत ने एनसीपी सांसद फैज़ल को इस साल की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद मोहम्मद सलीह की हत्या के प्रयास के केस में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी।
सांसद फैज़ल ने निचली अदालत द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद इस मामले को केरल हाईकोर्ट ले गये और वहां निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी।
मामले की सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि वह निचली अदालत द्वारा दिये गये आदेश के खिलाफ सांसद फैजल को मिली दोषसिद्धि और सजा को तब तक के लिए निलंबित करता है, जब तक कि उनकी अपील का निपटारा न हो जाए।
केरल हाई कोर्ट के इस आदेश को लक्षद्वीप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लक्ष्यद्वीप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में केस पेश करते हुए तर्क दिया कि उन्हें राहत देने से लोगों का "न्यायिक प्रक्रिया" में विश्वास डगमगा जाएगा।
मामले में पेश हुए अभियोजन पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सांसद फैज़ल ने हथियारों से लैस होकर कुछ अन्य आरोपियों के साथ साल 2009 में पीड़ित सलीह को गलत तरीके से बंधक बनाया और जान से मारने का प्रयास किया।
इस मामले में सांसद फैजल समेत कुल 37 आरोपी थे। जिनमें से दो आरोपियों की मौत निचली अदालत में केस की सुनवाई के दौरान ही हो गया था।
निचली अदालत ने केस में शामिल शेष 35 में से चार आरोपियों, जिनमें एनसीपी के अयोग्य सांसद मोहम्मद फैजल और उनके भाई भी शामिल थे। उन्हें हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया गया और 10 साल कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं केस से संबद्द अन्य आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था।