लखीमपुर खीरी मामला: जांच की निगरानी कर रहे जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की सिफारिश की, 4 अप्रैल को होगी सुनवाई
By विशाल कुमार | Published: March 30, 2022 11:45 AM2022-03-30T11:45:29+5:302022-03-30T11:58:58+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था और विशेष जांच दल का पुनर्गठन भी किया था।
नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा को मिली जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि एसआईटी जांच की निगरानी के लिए नियुक्त जज ने जमानत रद्द करने की सिफारिश की है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्ति मॉनिटरिंग जज के रुख पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया मांगते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 4 अप्रैल तक के लिए टाल दी।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच की निगरानी के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया था और विशेष जांच दल का पुनर्गठन भी किया था।
इससे पहले मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब दिया गया था। यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या उसने हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध किया था। इस पर यूपी सरकार ने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की बेल अर्जी का पुरजोर विरोध किया गया था।
मृतक किसानों के परिजनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर आशीष मिश्रा की बेल का विरोध किया गया है। इस पर अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में यूपी सरकार ने यह बात कही थी। इसके अलावा यूपी सरकार ने किसानों के परिजनों के उन आरोपों को भी खारिज किया कि वीआईपी लोगों को जाने दिया गया और गवाहों ही सुरक्षा नहीं की गई।
गौरतलब है कि लखमीपुर खीरी हिंसा के दौरान गत वर्ष तीन अक्टूबर को आठ लोगों की मौत हो गयी थी। यह हिंसा तब भड़की थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।