Ladakh protest updates: 4 की मौत और 50 घायल, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर आंदोलन
By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 24, 2025 22:29 IST2025-09-24T19:28:48+5:302025-09-24T22:29:13+5:30
Ladakh protest live updates: लद्दाख के लेह शहर में बुधवार को लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा प्रायोजित बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए।

file photo
लेहः लेह में बुधवार को राज्य दर्जे और अन्य मांगों को लेकर हुए बड़े पैमाने पर आंदोलन के हिंसक हो जाने से कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग के कथित तौर पर हिंसक हो जाने और पथराव करने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठियाँ चलाईं। एएनआई के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय में भी आग लगा दी। वे लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार पर केंद्र के साथ प्रस्तावित वार्ता को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एलएबी की युवा शाखा ने 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल का आह्वान किया था। हड़ताल के दौरान, 15 में से दो लोग अस्पताल में भर्ती हुए, जिसके कारण कथित तौर पर युवा शाखा ने विरोध और बंद का आह्वान किया। हिंसा पर सरकार ने कहा कि यह स्पष्ट है कि लद्दाख में भीड़ हिंसा कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा उनके भड़काऊ बयानों के माध्यम से निर्देशित थी।
भीड़ पुलिस पर हमला कर रही थी, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिसमें कुछ लोगों के हताहत होने की खबर है। लद्दाख में भीड़ के हमलों में 30 से अधिक पुलिस/सीआरपीएफ जवान घायल हुए। लद्दाख में हुई हिंसा राजनीति और निजी स्वार्थ से जुड़ी साजिश का हिस्सा है, जिसके लिए युवाओं को दोषी ठहराना उचित नहीं है।
लेह में हुई हिंसा पर सरकारी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयान ऐसे लग रहे थे जैसे पत्थरबाजी, बंद और आगजनी के लिए निर्देश दे रहे हों। केंद्र सरकार एबीएल और केडीए के साथ छह अक्टूबर को निर्धारित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक को 25-26 सितंबर को आयोजित करने पर विचार कर रही है।
उपराज्यपाल कवींद्र गुप्ता ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लद्दाख में हिंसा शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने की साजिश के तहत रची गई। लद्दाख के हिंसा प्रभावित लेह जिले में और अधिक जानमाल की हानि रोकने के लिए कर्फ्यू लगाया गया।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की और भाजपा कार्यालय तथा कई वाहनों पर हमला किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि झड़पों में चार लोग मारे गए और 50 अन्य घायल हो गए।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस की गोलीबारी में चार लोग मारे गए। राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग के समर्थन में 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की मंगलवार शाम हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद लद्दाख एपेक्स बॉडी (एलएबी) की युवा शाखा ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बुधवार को लेह में हुई हिंसा की घटनाओं पर दुख व्यक्त किया और इन घटनाओं के लिए युवाओं में पनप रही हताशा को जिम्मेदार ठहराया। वांगचुक ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रदर्शनकारियों में से दो, 72 वर्षीय एक पुरुष और 62 वर्षीय एक महिला को मंगलवार को अस्पताल ले जाया गया था और कहा कि संभवतः यह हिंसक विरोध का तात्कालिक कारण था। जलवायु कार्यकर्ता वांगचुक राज्य का दर्जा दिये जाने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में एक भूख हड़ताल का नेतृत्व कर रहे थे।
वांगचुक ने बड़ी संख्या में युवाओं के सड़कों पर उतरने के बाद भूख हड़ताल समाप्त कर दी। वांगचुक ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से कोई परिणाम नहीं निकलने के कारण युवाओं में निराशा बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी खबरें हैं कि तीन से पांच युवक मारे गए हैं।