Ladakh Clash: चीनी सेना ने की पुष्टि, गलवान घाटी झड़प में मारे गए थे उसके कमांडिंग ऑफिसर

By अनुराग आनंद | Published: June 22, 2020 05:11 PM2020-06-22T17:11:22+5:302020-06-22T17:13:20+5:30

सोमवार को गलवान घाटी में दोनों देशों की सेना में हुए हिंसक सैनिक झड़प के करीब एक सप्ताह बाद एक बार फिर सोमवार को भारत-चीन के सेना अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

Ladakh Clash: China's army confirmed, its commanding officer was killed in Ladakh | Ladakh Clash: चीनी सेना ने की पुष्टि, गलवान घाटी झड़प में मारे गए थे उसके कमांडिंग ऑफिसर

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsगलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के एक हफ्ते बाद यह उच्च स्तरीय वार्ता हुई है।चीन के सरकारी अखबार का कहना है कि अगर भारत विरोधी भावना को नियंत्रित नहीं करता है तो युद्ध के हालात बन सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स के रिपोर्ट में कहा गया कि पीएम नरेंद्र मोदी समझदारी दिखाते हुए तनाव कम करते हुए भी दिखाई दिए।

नई दिल्ली:चीनभारतीय सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में हुए हिंसक झड़प में चीनी सेना के कमांडिंग ऑफिसर की भी जान गई है। इस बात की पुष्टि खुद चीन के सेना ने भारतीय सेना के अधिकारियों के साथ बैठक में की है। भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर व बिहार रेजिंमेंट के कर्नल संतोष बाबू भी चीन सैनिकों के इस विश्वासघाती हमले में शहीद हो गए थे। इस घटना के करीब एक सप्ताह बाद आज (सोमवार) भारतीय सेना के साथ बैठक नें चीनी सेना के अधिकारी ने ये बात कही है। 

एनडीटीवी की मानें तो चीन की सेना ने स्‍वीकार किया है कि उसका कमांडिंग ऑफिसर इस दौरान मारा गया था। बता दें कि इस हिंसक झड़प में न सिर्फ भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, बल्कि चीन के करीब 45 जवानों के हताहत की खबर भी सामने आई थी। 

आज (सोमवार) फिर हुई दोनों देशों के सेना अधिकारियों के बीच बैठक-

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के रास्तों पर आज एक बार फिर लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की बातचीत हो रही है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि वार्ता पूर्वी लद्दाख में चीन की तरफ चुशुल सेक्टर के मोल्दो में सुबह साढ़े 11 बजे प्रस्तावित थी।

 

गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के एक हफ्ते बाद यह उच्च स्तरीय वार्ता हो रही है। वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह कर रहे हैं। 

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत 6 जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील इलाकों से सैनिकों को हटाने का फैसला किया था। 

चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी। हालांकि, 15 जून को चीन ने टेंट हटाने से इनकार किया था, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, चीन के 40 सैनिकों के मारे जाने या घायल होने की खबर है।

हालांकि, चीन ने अब तक अपने सैनिकों के हताहत होने की खबरों की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है। वह हमेशा इस मसले पर बोलने से बचता रहा है। बता दें कि इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में आयोजित विजय दिवस परेड में शिरकत के लिए सोमवार को रूस के तीन दिनों के दौरे के लिए रवाना हो गये।

चीन के सरकारी अखबार ने भारत को युद्ध से बचने की दी है नसीहत

चीन व भारत की सीमा पर जारी तनाव के बीच नरेंद्र मोदी की सरकार ने चीन के सेना के किसी भी आक्रमक रवैये का जवाब सख्ती से देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही बॉर्डर पर यदि चीन की सेना किसी तरह की हिंसक झड़प करती है तो उसके जवाब में अपने सुरक्षा के लिए भारतीय सेना को हथियार इस्तेमाल करने की छूट सरकार ने दे दी है। 

भारत सरकार के इस फैसले से चीन काफी आहत है। यही वजह है कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत सरकार ने अपने सैनिकों को सीमा पर किसी भी तरह के संघर्ष व झड़प की स्थिति में हथियार इस्तेमाल करने की इजाजत देकर गलत कदम उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे दोनों देशों के बीच के समझौते टूट जाएंगे और इसका काफी बुरा परिणाम हो सकता है।

Two Indian Jawans shot dead in shootout with Chinese Troops at ...

ग्लोबल टाइम्स ने 1962 युद्ध के परिणाम को याद करने के लिए कहा-

बता दें कि चीन के सरकारी अखबार ने अपने लेख में भारत को 1962 युद्ध के परिणाम को याद करने के लिए कहा है। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा है कि यदि भारत आज के समय में चीन से टकराता है, तो इसका परिणाम 1962 से भी बुरा हो सकता है। इस लेख में भारत को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि भारत को पहले से अधिक अपमानित होना पड़ सकता है। दरअसल, चीन बॉर्डर पर भारत से सख्त रवैये को लेकर बेहद परेशान हो उठा है। यही वजह है कि वह भारत को तरह-तरह से धमकी व चेतावनी देकर गलवान घाटी पर समझौता करने के लिए मजबूर करना चाहता है।

Web Title: Ladakh Clash: China's army confirmed, its commanding officer was killed in Ladakh

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