लद्दाख: गलवान घाटी से पीछे हटते दिखी चीनी सेना, दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच बातचीत के बाद चीनी सेना ने हटाए तंबू

By स्वाति सिंह | Updated: July 6, 2020 14:42 IST2020-07-06T14:42:27+5:302020-07-06T14:42:27+5:30

गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं।

Ladakh: Chinese army seen retreating from Galvan valley, Chinese army removed tents after talks between core commanders | लद्दाख: गलवान घाटी से पीछे हटते दिखी चीनी सेना, दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच बातचीत के बाद चीनी सेना ने हटाए तंबू

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsचीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी है।क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है।

नई दिल्ली: चीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी है। सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला संकेत है। सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया है। 

उन्होंने कहा कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है। सूत्रों ने कहा कि गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है। भारतीय और चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है। 

3 पोस्ट से पीछे हटने लगे चीनी सैनिक 

बताया जा रहा है कि चीन के सैनिक तीन पोस्ट गलवान, हॉटस्परिंग, गोगरा से वापस जाते दिखे हैं। अगले 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। पिछले दो माह से दोनों देश के सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत अभी चीन के सैनिकों के वापस जाने के मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। पैंगोंग पर अभी भी चीन के सैनिक जमे हैं। भारत का साफ कहना है कि चीनी सैनिकों को फिंगर 8 से पीछे जाना होगा। 

गलवान घाटी में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं। भारत क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूर्वी लद्दाख के सभी इलाकों में पूर्व यथास्थिति बहाल करने पर जोर देता आया है। क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कई चरणों की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ताएं हुई हैं। हालांकि, दोनों पक्षों के क्षेत्र से बलों को पीछे हटाने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमत होने के बावजूद गतिरोध समाप्त होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन पहले ही किया है लद्दाख का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन और भारत की सेनाओं में गतिरोध के बीच शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख का औचक दौरा कर सैनिकों से मुलाकात की।  मोदी ने लेह का दौरा किया जहां उन्होंने सेना, वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की। मोदी के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे भी थे। मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का दौर समाप्त हुआ और भारत के शत्रुओं ने उसके सशस्त्र बलों के ‘कोप और क्रोध’ को देख लिया है।

15 जून को हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे

15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अभी तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।

Web Title: Ladakh: Chinese army seen retreating from Galvan valley, Chinese army removed tents after talks between core commanders

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