तिरूवनंतपुरम, 26 नवंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे समय, जब देश के कृषि और सहकारी क्षेत्र 'दोषपूर्ण नीतियों' के नतीजों का सामना कर रहे हैं, भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ वर्गीज कुरियन का दृष्टिकोण अधिक प्रासंगिक है।
विजयन ने यहां मिल्मा भवन में कुरियन की प्रतिमा का डिजिटल तरीके से अनावरण करने के बाद कहा, "भारत की श्वेत क्रांति के वास्तुकार हमें उस अहम योगदान की याद दिलाते हैं जो सहकारी क्षेत्र आर्थिक विकास में कर सकता है।"
मुख्यमंत्री ने केरल सहकारी दुग्ध विपणन संघ (केसीएमएमएफ) के तत्वावधान में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह का भी उद्घाटन किया। इसके साथ ही साल भर चलने वाले वर्गीज कुरियन शताब्दी समारोह का समापन हुआ।
विजयन ने कहा कि इस वर्ष का राष्ट्रीय दुग्ध दिवस और भी खास हो गया है क्योंकि यह ऐसे समय मनाया जा रहा है जब देश में 'दोषपूर्ण नीतियों' के कारण किसान खेती से हट रहे हैं और कृषि उत्पादन घट रहा है तथा सहकारी क्षेत्र पर हमला हो रहा है।
उन्होंने कहा, "एक मजबूत दलील है कि सरकारों को खाद्य क्षेत्र में हस्तक्षेप बंद कर देना चाहिए, इसे पूरी तरह से बड़े एकाधिकार पर छोड़ देना चाहिए। लेकिन विश्व भर का अनुभव यह है कि ऐसी स्थिति में केवल कीमतों में वृद्धि होगी। खाद्य सुरक्षा केवल परियोजनाओं के कार्यान्वयन से ही प्राप्त की जा सकती है। इससे खाद्य क्षेत्र और खुले बाजार में सरकारों का हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हो जाता है।’’
विजयन ने कहा कि राज्य सरकार उत्पादन और वितरण प्रक्रियाओं में आवश्यक हस्तक्षेप करके कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने तथा किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की भरसक कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कुरियन द्वारा स्थापित अमूल की कामयाबी से प्रेरणा लेकर मिल्मा का गठन किया गया था और मिल्मा का विकास स्पष्ट करता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को कुशलतापूर्वक चलाया जाए तो वे समाज में खासा योगदान दे सकते हैं।
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