यूपीः अर्ध-महाकुंभ है सीएम योगी का अगला बड़ा प्रोजेक्ट, महाकुंभ मेले का नाम बदला

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 20, 2018 07:10 PM2018-05-20T19:10:10+5:302018-05-20T19:10:10+5:30

योगी आदित्यना‌थ ने कहा, अखाड़ा परिषद के सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रयाग में अगले वर्ष लगने जा रहे कुंभ के शाही स्नान की तिथियों की घोषणा करते हुए मुझे अति प्रसन्नता हो रही है।"

Kumbh 2019 yogidtyanath up cm allahabad sangam mahakumbh | यूपीः अर्ध-महाकुंभ है सीएम योगी का अगला बड़ा प्रोजेक्ट, महाकुंभ मेले का नाम बदला

यूपीः अर्ध-महाकुंभ है सीएम योगी का अगला बड़ा प्रोजेक्ट, महाकुंभ मेले का नाम बदला

इलाहाबाद, 20 मई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों की उपस्थिति में कुंभ - 2019 के शाही स्नान की तिथियों की घोषणा की। खास बात यह है कि यह महाकुंभ या कुंभ नहीं है। परंपरानुसार महाकुंभ मेला हर 12 साल बाद लगता है। पिछला कुंभ साल 2013 में आयोजित किया गया था। पुरानी परंपरा के मुताबिक साल 2019 में लगने वाले मेले को अर्ध महाकुंभ कहा जाना चाहिए था। लेकिन योगी सरकार इसे एक बड़े आयोजन के तौर पर प्रस्तुत करने जा रही है। इस‌लिए अर्ध महाकुंभ कहने के बजाए कुंभ-2019 कहा जा रहा है। 

हाल ही में इसके बारे में योगी ने सर्किट हाउस में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "अखाड़ा परिषद के सभी 13 अखाड़ों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रयाग में अगले वर्ष लगने जा रहे कुंभ के शाही स्नान की तिथियों की घोषणा करते हुए मुझे अति प्रसन्नता हो रही है।" उन्होंने कहा कि प्रथम शाही स्नान 15 जनवरी, 2019 को मकर संक्रांति के दिन, दूसरा शाही स्नान 4 फरवरी, 2019 को मौनी अमावस्या के दिन और तीसरा शाही स्नान 10 फरवरी, 2019 को बसंत पंचमी के दिन होगा। प्रयागराज में कुंभ का आयोजन देश दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक एवं धार्मिक आयोजन है।

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मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारा अनुमान है कि इस कुंभ में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु पूज्य संतों के सानिध्य में स्नान करने और कुंभ का आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने आएंगे। यह हम सभी और खास तौर पर उत्तर प्रदेश वासियों के लिए महत्वपूर्ण अवसर है कि वे देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को आतिथ्य प्रदान कर स्वयं को धन्य महसूस कर सकें।" गौरतलब है कि शाही स्नान वे स्नान हैं जिसमें 13 अखाड़ों के सभी नागा सन्यासी, महामंडलेश्वर और अन्य साधु संत पेशवाई निकालकर सबसे पहले स्नान करते हैं।

बैठक के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि जब से भारत आजाद हुआ है, पहली बार शाही स्नान की घोषणा में मुख्यमंत्री उपस्थित हुए और स्वयं शाही स्नान की तिथियों की घोषणा की। बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने नगर में कुंभ की तैयारियों का जायजा लिया और मठ बाघंबरी गद्दी में साधु संतो के साथ दोपहर का भोजन किया।

बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता सहित जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

-भाषा के इनपुट से

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