'दिखे यो ना सुधरैं! अर फेर...', CWC बैठक के बाद सोनिया गांधी के अध्यक्ष बने रहने पर कुमार विश्वास ने ली यूं ली चुटकी
By स्वाति सिंह | Published: August 25, 2020 11:19 PM2020-08-25T23:19:36+5:302020-08-25T23:19:36+5:30
बता दें कि सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की सात घंटे चली हंगामेदार बैठक के बाद यह तय किया गया कि सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। उनका कार्यकाल तब तक जारी रहेगा जब तक कि कांग्रेस महाअधिवेशन में पार्टी अपना नया अध्यक्ष नहीं चुन लेती।
नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के अंतरिम अध्यक्ष बने रहने को लेकर कुमार विश्वास (Kumar Vishvas) ने चुटकी ली।
मंगलवार को उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के जरिए कटाक्ष करते हुए लिखा, 'दिखे यो ना सुधरैं ! अर फेर कहंगे ‘लोकतन्तर ख़तरे में पड़गा'! मका भाई पैले तम तो ल्याओ लोकतंतर अपनी पारटी मै (लगता है ये नहीं सुधरेंगे। और फिर कहेंगे कि लोकतंत्र खतरे में पड़ गया, पहले अपनी पार्टी में लोकतंत्र को लाएं)।
दिखे यो ना सुधरैं ! अर फेर कहंगे ‘लोकतन्तर ख़तरे में पड़गा’ 😳! मका भाई पैले तम तो ल्याओ लोकतंतर अपनी पारटी मै 😳 #CongressPresident
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 24, 2020
बता दें कि सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की सात घंटे चली हंगामेदार बैठक के बाद यह तय किया गया कि सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। उनका कार्यकाल तब तक जारी रहेगा जब तक कि कांग्रेस महाअधिवेशन में पार्टी अपना नया अध्यक्ष नहीं चुन लेती।
फरवरी-मार्च तक महाअधिवेशन की संभावना
सूत्रों के अनुसार अगले वर्ष फरवरी-मार्च तक पार्टी के महाअधिवेशन की संभावना नहीं है। सूत्रों का यह भी दावा है कि इस महाअधिवेशन के दौरान राहुल गांधी को अध्यक्ष पद सौंपने की तैयारी होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोनिया जल्द ही चार अथवा पांच सदस्यीय कमेटी का गठन करेंगी जो रोजमर्रा के कायार्ें के अलावा संगठन में बदलाव, सदस्यता अभियान और महाअधिवेशन को लेकर अपनी राय नेतृत्व को देगी।
पार्टी के 23 नेताओं द्वारा नेतृत्व के मुद्दे पर जो पत्र सोनिया को लिखा गया, उससे वे काफी आहत नजर आईं, जिसका उल्लेख उन्होंने स्वयं बैठक समाप्त होते वक्त किया। सोनिया ने कहा कि वे पत्र से आहत हैं और इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। लेकिन कांग्रेस एक परिवार है और वे परिवार की एकजुटता को रखने के लिए बिना किसी दुर्भावना के काम करना चाहती हैं। यही कांग्रेस की ताकत है और यही उसकी मूल भावना।
पार्टी को कमजोर करने की अनुमति किसी को भी नहीं बैठक के अंत में पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी एवं इसके नेतृत्व को कमजोर करने की अनुमति न तो किसी को दी जा सकती है और ना ही दी जाएगी। प्रस्ताव में चार प्रमुख बिंदुओं की चर्चा की गयी है। जिसमें पार्टी के अंदरूनी मामलों पर विचार-विमर्श मीडिया के माध्यम से अथवा सार्वजनिक तौर पर करने को प्रतिबंधित किया गया है। पार्टी नेताओं को हिदायत दी गयी है कि वे पार्टी मंच पर ही अपनी बात कहें।
पार्टी संगठन में फेरबदल का अधिकार सोनिया को सीडब्ल्यूसी ने सोनिया गांधी को यह अधिकार भी सौंप दिया कि वे पार्टी संगठन में जिस प्रकार के बदलाव चाहती हैं, उन पर फैसला लें ताकि उनपर अमल हो सके। पार्टी में जल्द कुछ उपाध्यक्षों की नियुक्ति के अलावा महा सचिव स्तर पर फेरबदल संभव है।