मौत के 12-24 घंटे बाद कोविड नाक, मुंह की गुहाओं में सक्रिय नहीं रहता है: एम्स फोरेंसिक प्रमुख

By भाषा | Updated: May 25, 2021 17:36 IST2021-05-25T17:36:43+5:302021-05-25T17:36:43+5:30

Kovid nose no longer active in cavities of mouth, 12-24 hours after death: AIIMS forensic chief | मौत के 12-24 घंटे बाद कोविड नाक, मुंह की गुहाओं में सक्रिय नहीं रहता है: एम्स फोरेंसिक प्रमुख

मौत के 12-24 घंटे बाद कोविड नाक, मुंह की गुहाओं में सक्रिय नहीं रहता है: एम्स फोरेंसिक प्रमुख

(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 25 मई अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में फोरेंसिक प्रमुख डा. सुधीर गुप्ता ने कहा है कि एक संक्रमित व्यक्ति की मौत के 12 से 24 घंटे बाद कोरोना वायरस नाक और मुंह की गुहाओं (नेजल एवं ओरल कैविटी) में सक्रिय नहीं रहता जिसके कारण मृतक से संक्रमण का खतरा अधिक नहीं होता है।

डा.गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मौत के बाद 12 से 24 घंटे के अंतराल में लगभग 100 शवों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए फिर से जांच की गई थी जिनकी रिपोर्ट नकारात्मक आई। मौत के 24 घंटे बाद वायरस नाक और मुंह की गुहाओं में सक्रिय नहीं रहता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक संक्रमित व्यक्ति की मौत के 12 से 24 घंटे के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक नहीं होता है।’’

पिछले एक साल में एम्स में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग में ‘कोविड-19 पॉजिटिव मेडिको-लीगल’ मामलों पर एक अध्ययन किया गया था। इन मामलों में पोस्टमॉर्टम किया गया था।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से पार्थिव शरीर से तरल पदार्थ को बाहर आने से रोकने के लिए नाक और मुंह की गुहाओं को बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर ऐसे शवों को संभालने वाले लोगों को मास्क, दस्ताने और पीपीई किट पहननी चाहिए।

डा. गुप्ता ने कहा, ‘‘अस्थियों और राख का संग्रह पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि अस्थियों से संक्रमण के फैलने का कोई खतरा नहीं है।’’

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मई 2020 में जारी ‘कोविड-19 से हुई मौत के मामलों में मेडिको-लीगल ऑटोप्सी के लिए मानक दिशानिर्देशों’ में सलाह दी थी कि कोविड-19 से मौत के मामलों में फोरेंसिक पोस्टमार्टम के लिए चीर-फाड़ करने वाली तकनीक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे मुर्दाघर के कर्मचारियों के अत्यधिक एहतियात बरतने के बावजूद, मृतक के शरीर में मौजूद द्रव तथा किसी तरह के स्राव के संपर्क में आने से इस जानलेवा रोग की चपेट में आने का खतरा हो सकता है।

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Web Title: Kovid nose no longer active in cavities of mouth, 12-24 hours after death: AIIMS forensic chief

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