कोविड-19 : मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के दिशानिर्देश तय करने में विलंब पर उच्चतम न्यायालय ने नाखुशी जताई

By भाषा | Published: September 3, 2021 03:51 PM2021-09-03T15:51:38+5:302021-09-03T15:51:38+5:30

Kovid-19: Supreme Court expresses displeasure over delay in laying down guidelines for issuance of death certificates | कोविड-19 : मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के दिशानिर्देश तय करने में विलंब पर उच्चतम न्यायालय ने नाखुशी जताई

कोविड-19 : मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के दिशानिर्देश तय करने में विलंब पर उच्चतम न्यायालय ने नाखुशी जताई

कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश तय करने में विलंब पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार का नाखुशी जताई है और केंद्र सरकार को 1 सितंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा, ‘‘हमने काफी पहले आदेश पारित किया था। हम एक बार समय अवधि में विस्तार कर चुके हैं। जब तक आप दिशानिर्देश बनाएंगे तब तक तीसरा चरण भी समाप्त हो जाएगा।’’ केंद्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को भरोसा दिलाया कि हर चीज विचाराधीन है। याचिका दायर करने वाले वकील गौरव बंसल ने कहा कि विचाराधीन होने का बहाना कर चीजों में विलंब नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि शीर्ष अदालत 16 अगस्त को केंद्र को चार हफ्ते के समय का विस्तार दे चुकी है ताकि मुआवजे के भुगतान के लिए दिशानिर्देश बनाया जा सके लेकिन केंद्र सरकार अब और वक्त मांग रही है। कुछ याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील समीर सोढ़ी ने कहा कि 30 जून को पारित पहले निर्देश का समय आठ सितंबर को समाप्त हो रहा है। पीठ ने कहा कि यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह उस समयावधि के अंदर मुआवजे पर निर्णय करे और आज वह मामले को अन्य निर्देशों के अनुपालन के उद्देश्य से स्थगित कर रही है। पीठ ने कहा कि 13 सितंबर का समय तय कीजिए क्योंकि सोलीसीटर जनरल ने 30 जून 2021 को दिये गए अन्य निर्देशों के अनुपालन के लिए समय मांगा है और अनुपालन रिपोर्ट 11 सितंबर या उससे पहले रजिस्ट्री के पास जमा करायी जाए। उच्चतम न्यायालय ने 30 जून के फैसले में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के कारण जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिवार को मुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के अंदर दिशानिर्देश तय करें। उच्चतम न्यायालय का फैसला दो अलग-अलग याचिकाओं पर आया था जिसे वकील रीपक कंसल और गौरव कुमार बंसल ने दायर किया था और केंद्र तथा राज्यों को निर्देश देने की अपील की थी कि कोरोना वायरस के कारण जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिवार को कानून के तहत चार लाख रुपये मुआवजे का भुगतान किया जाए।

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Web Title: Kovid-19: Supreme Court expresses displeasure over delay in laying down guidelines for issuance of death certificates

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