कोविड-19: पुणे में एक सप्ताह तक बंद रहेंगे रेस्तरां, बार, मॉल
By भाषा | Updated: April 2, 2021 18:01 IST2021-04-02T18:01:05+5:302021-04-02T18:01:05+5:30

कोविड-19: पुणे में एक सप्ताह तक बंद रहेंगे रेस्तरां, बार, मॉल
पुणे, दो अप्रैल महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए तीन अप्रैल से सात दिन के लिए रेस्तरां, बार और भोजनालयों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जिले में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा और मॉल, सिनेमा हॉल, और धार्मिक स्थल सात दिन तक बंद रहेंगे।
लगातार दो दिन में संक्रमण के आठ हजार से ज्यादा मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने जिले में ये ‘‘कठोर पाबंदियां’’ लगाई हैं।
उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में शुक्रवार को यहां हुई समीक्षा बैठक के दौरान इन पाबंदियों को लगाने के बारे में निर्णय लिया गया।
पुणे मंडल के आयुक्त सौरभ राव ने कहा,‘‘ ये नयी पाबंदियां शनिवार से अगले सात दिन तक जारी रहेंगी। इसके तहत शात छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। भोजनालय, बार और रेस्तरा बंद रहेंगे लेकिन घरों में खाना मंगाने की सुविधा जारी रहेगी।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मॉल, सिनेमा हॉल और धार्मिक स्थल सात दिन तक बंद रहेंगे।’’
जिले में विवाह समारोह और अंतिम संस्कार को छोड़ कर किसी भी प्रकार की जनसभा पर पाबंदी रहेगी। विवाह समारोह में केवल 50 लोगों के और अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों के शामिल होने की मंजूरी है।
कर्फ्यू की अवधि में आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है।
राव ने कहा कि पुणे महानगर परिवहन महामंडल लिमिटेड (पीएमपीएमएल) और शहर की सार्वजनिक परिवहन तंत्र की बसें अगले सात दिन तक नहीं चलेंगी। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज 30अप्रैल तक बंद रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ केवल 10वीं एवं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों और एपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को नियमित शैक्षणिक गतिविधि जारी रखने की अनुमति होगी।’’
राव ने कहा,‘‘ ये निर्णय पिछले कुछ दिन में संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर लिए गए हैं। स्थिति गंभीर हो रही है। पिछले एक सप्ताह में जिले में संक्रमण की दर 32 प्रतिशत को पार कर गई है।’’
राव ने बताया कि गत शुक्रवार तक संक्रमण दर 26-27 प्रतिशत थी लेकिन पिछले एक हफ्ते से यह दर 32 प्रतिशत से अधिक है और रोजाना करीब आठ हजार नए मामले आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का आकलन है कि वृद्धिदर में बदलाव नहीं हुआ तो आने वाले दो दिनों में जिले में नए मामलों (कोविड-19)की संख्या नौ हजार के पार हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सात दिन बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उनके अनुसार अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
राव ने कहा,‘‘ संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण जरूरी है इसलिए आने वाले दिनों में टीकाकरण की गति बढ़ाई जाएगी।’’
उन्होंने बताया कि जिले में जहां तक जांच का अनुपात है तो राज्य में यह सबसे अधिक है। बृहस्पतिवार को ही अकेले जिले में 29 हजार नमूनों की जांच की गई लेकिन हम इसे और बढ़ाना चाहते हैं।
राव ने बताया कि प्रशासन निजी और सरकारी अस्पतालों में और अधिक ऑक्सीजन सुविधा से युक्त बिस्तरों और आईसीयू बिस्तरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रशासन बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए निजी अस्पतालों के नियमित संपर्क में है।
राव ने कहा, ‘‘हम पांच अप्रैल तक सबसे अधिक बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहते हैं और अगर स्थिति यही बनी रही तो हमें कुछ अस्पतालों में शत प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने की घोषणा करनी पड़ेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिले में टीकाकरण की गति गत 10 दिनों में राज्य में सबसे अधिक है। यहां तक कि देश में सबसे अधिक है लेकिन हमारी योजना इसे और बढ़ाने की है। हम अगले तीन-चार दिन में रोजाना एक लाख टीका देने की क्षमता हासिल करने की योजना बना रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि वायरस संक्रमण की कड़ी को तोड़ने, गृह पृथकवास में रह रहे मरीजों की प्रभावी निगरानी और ‘सुपर स्प्रेडर’ की जांच पर ध्यान केंद्रित की जा रही है।
बैठक में शामिल पुणे से भाजपा के लोकसभा सदस्य गिरिश बापट ने पीएमपीएमएल बस सेवा को रोकने और शाम छह बजे से कर्फ्यू लगाने के फैसले का विरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पीएमपीएमएल की सेवा को रोकने के फैसले का विरोध करते हैं क्योंकि अधिकतर कामगार वर्ग सार्वजनिक परिवहन सेवा पर निर्भर है। हम पीएमपीएमएल सेवा रोकने के फैसले पर आगे का कदम उठाएंगे।’’
बापत ने मौजूदा कर्फ्यू का समय रात आठ बजे से सुबह छह बजे को बरकरार रखने का सुझाव दिया और कहा कि प्रशासन सुनिश्चित करे कि पांच से अधिक लोग एक स्थान पर जमा नहीं हो।
उन्होंने कहा कि पाबंदियों को लागू करने के दौरान पुलिस को आम लोगों पर लाठीचार्ज जैसे बल प्रयोग से बचाना चाहिए।
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