कोविड-19 : इंदौर में 180 से ज्यादा बच्चों ने खोया कमाऊ अभिभावक
By भाषा | Published: June 11, 2021 08:49 PM2021-06-11T20:49:08+5:302021-06-11T20:49:08+5:30
इंदौर (मध्य प्रदेश), 11 जून कोविड-19 के प्रकोप के चलते इंदौर के 180 से ज्यादा बच्चों के सिर से कमाऊ अभिभावक का साया उठ गया और अब इन नौनिहालों की पढ़ाई के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
कक्षा छह में पढ़ने वाला कुशलचंद्र पटेल (11) भी इनमें शामिल हैं जो अपनी माता कल्याणी पटेल के साथ शुक्रवार को इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी से मदद के लिए मिलने आया था। महामारी के कारण अपने पति को खोने वाली महिला की गोद में उनका दुधमुंहा बेटा भी था।
कल्याणी ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "मेरे पति की छह मई को कोविड-19 से मौत हो गई थी। वह एक निजी कम्पनी में काम करते थे। मैं अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए मदद चाहती हूं।"
कुशलचंद्र जैसे बच्चों की सहायता के लिए अभियान शुरू करने वाले लोकसभा सांसद लालवानी ने बताया, "अब तक हमसे उन 182 बच्चों के परिजनों ने मदद के लिए संपर्क किया है जिनके माता या पिता को कोरोना वायरस के क्रूर हाथों ने उनसे छीन लिया। इन दिवंगत लोगों की कमाई से ही बच्चों का लालन-पालन हो रहा था।"
उन्होंने बताया, "ये बच्चे उसी स्कूल में आगे की पढ़ाई करना चाह रहे हैं जिसमें वे अपने कमाऊ अभिभावक के निधन से पहले पढ़ रहे थे। स्कूलों के प्रबंधन से इन बच्चों की फीस माफ करने को लेकर बात की जा रही है। वरना हम सामाजिक संगठनों की मदद से इनकी फीस भरेंगे।"
सांसद ने बताया कि इन बच्चों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया, "इन बच्चों की मदद के अभियान से गैर सरकारी संगठनों को भी जोड़ा गया है। इसके साथ ही, उनकी माताओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई गई है।"
गौरतलब है कि इंदौर, राज्य में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोविड-19 के कुल 1.52 लाख मरीज मिले हैं। इनमें से 1,366 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
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