कोविड-19 : उच्च न्यायालय ने केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

By भाषा | Updated: April 19, 2021 19:09 IST2021-04-19T19:09:28+5:302021-04-19T19:09:28+5:30

Kovid-19: High Court issues notice to Central and Madhya Pradesh Government | कोविड-19 : उच्च न्यायालय ने केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

कोविड-19 : उच्च न्यायालय ने केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया

जबलपुर (मप्र), 19 अप्रैल मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की भयावह स्थिति के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें दंडित किए जाने के अनुरोध वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र एवं राज्य सरकार सहित निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक एवं न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की पीठ ने दो याचिकाकर्ताओं की याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई करते हुए केंद्र, राज्य सरकार एवं निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में उनसे जवाब मांगा है।

यह याचिका 70 वर्षीय अधिवक्ता पीसी पालीवाल तथा 75 वर्षीय अधिवक्ता उमेश त्रिपाठी की तरफ से दायर की गई थी।

यह जानकारी याचिककर्ता एवं अधिवक्ता पीसी पालीवाल ने दी है।

पालीवाल ने कहा कि याचिका में कहा गया था कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण ने भयानक रूप धारण कर लिया है। स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन तथा दवाओं की कमी है। रेमडेसिविर टीके की जमकर कालाबाजारी हो रही है।

याचिका में कहा गया कि जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के विभिन्न श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए लंबे समय तक कतार में इंतजार करना पड़ता है। अक्टूबर 2020 में रेमडेसिविर टीके की कीमत 2800 रुपये थी जिसका दाम सरकार द्वारा 3500 रुपये निर्धारित किया गया है।

पालीवाल ने कहा कि याचिका में यह भी कहा गया था कि मध्य प्रदेश के शीर्ष राजनेता तथा बड़ी संख्या में पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने दमोह (मध्य प्रदेश), पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हुए चुनावों में शिरकत करने गए थे, जहां उन्होंने चुनाव प्रचार किया तथा रैलियों में शामिल हुए। लौटने के बाद भी उन्होंने खुद को पृथक-वास में नहीं रखा और सार्वजनिक स्थानों पर खुलेआम घूम रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा याचिका में कहा गया था कि राजनेताओं के अलावा पुलिस विभाग, सीआरपीएफ, रेलवे और राज्य के अन्य विभाग के कर्मचारियों को चुनाव के लिए भेजा गया था, लेकिन कोरोना संबंधी दिशा-निर्देशों तथा सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे प्रतीत होता है कि कोरोना महामारी के प्रबंधन में सरकार पूर्ण रूप से विफल है।

याचिकाकर्ता पालीवाल ने बताया कि याचिका में मांग की गई थी कि कोरोनो वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। इसके अलावा, कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें दंडित किया जाए।

उन्होंने कहा कि युगल पीठ ने इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित खबर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

अदालत ने अगली सुनवाई 26 अप्रैल के लिए निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष खुद रखा।

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Web Title: Kovid-19: High Court issues notice to Central and Madhya Pradesh Government

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