कोटकपुरा जांच मामला: सुखबीर सिंह बादल से एसआईटी ने चार घंटे तक की पूछताछ
By भाषा | Updated: June 26, 2021 22:16 IST2021-06-26T22:16:35+5:302021-06-26T22:16:35+5:30

कोटकपुरा जांच मामला: सुखबीर सिंह बादल से एसआईटी ने चार घंटे तक की पूछताछ
चंडीगढ़, 26 जून शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल से 2015 के कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शनिवार को करीब चार घंटे तक पूछताछ की।
शिअद ने एसआईटी जांच को ‘दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया है।
एसआईटी द्वारा तलब किए जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल पूर्वाह्न करीब 11 बजे सेक्टर 32 स्थित पंजाब पुलिस अधिकारी संस्थान पहुंचे।
सुखबीर 2015 में हुई इस घटना के समय प्रदेश के उप मुख्यमंत्री थे और उनके पास गृह विभाग की भी जिम्मेदारी थी यह मामला धार्मिक ग्रंथ की कथित बेअदबी से जुड़ा है और इसको लेकर लोग फरीदकोट में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन पर पुलिस ने गोलियां चलाई थीं।
बादल के समर्थन में बिक्रम सिंह मजीठिया, बलविंदर सिंह भुंदर, एन के शर्मा और दलजीत सिंह चीमा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता पंजाब पुलिस अधिकारी संस्थान पहुंचे। पूछताछ के बाद बादल अपराह्न तीन बजकर 10 मिनट पर संस्थान से बाहर निकले और उन्होंने अपने वाहन से कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया।
बादल ने ट्वीट किया, ‘‘ इतना ज्यादा आदर और सम्मान देने के लिए मैं पार्टी कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।’’
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सतर्कता ब्यूरो) एल के यादव के नेतृत्व में मंगलवार को एसआईटी ने शिरोमणि अकाली दल के शीर्ष नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की थी।
चंडीगढ़ में संवाददाताओं से बातचीत में शिअद नेताओं बलविंदर सिंह भुंडर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेंद्र सिहं ग्रेवाल और दलजीत सिंह चीमा ने मांग उठायी कि एसआईटी को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कथित तौर पर फंसाने के लिए साजिश रचने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका के बारे में भी जांच करनी चाहिए।
पूरे प्रकरण को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए ग्रेवाल ने कहा, ‘‘ एसआईटी को खुद को गांधी परिवार के हाथों इस्तेमाल होने से बचना चाहिए। यह एक दुर्भावनापूर्ण जांच है। सेवानिवृत्त निदेशक (अभियोजन) विजय सिंगला जैसे अधिकारियों को जांच में शामिल करके एसआईटी ने अपनी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर लिए हैं।’’
शिअद नेताओं ने इस मामले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए। चीमा ने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस की सत्तारूढ़ सरकार
कोटकापुरा मामले में बादल परिवार को फंसाने की कोशिश कर रही है।
पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद इस घटना की जांच के लिए नई एसआईटी गठित की। यह नई टीम कोटकपुरा घटना के मामले में 14 अक्टूबर, 2015 और सात अगस्त, 2018 को दर्ज दो प्राथमिकी की जांच कर रही है।
पुलिस ने इसी तरह के अन्य प्रदर्शन में फरीदकोट के बहबल कलां में गोलियां चलाई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और इस मामले में अलग से जांच जारी है।
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