India Lockdown: छात्र कर रहा है दोस्त और टीचर की मदद, कार से बांट रहा दवाई और जरूरी सामान

By भाषा | Updated: April 8, 2020 17:46 IST2020-04-08T17:46:08+5:302020-04-08T17:46:08+5:30

विद्यालय के पूर्व छात्र अनुपम सेन अपनी निजी कार से शिक्षण संस्थान के अपने पूर्व दोस्तों और पूर्व अध्यापकों-अध्यापिकाओं को दवाइयां एवं खाने-पीने की चीजें पहुंचाने में लगे हैं। जिसकी लोग काफी तारीफ कर रहे हैं।

kolkata Student helping their friends and teachers in lockdown, distributing medicines and essential goods | India Lockdown: छात्र कर रहा है दोस्त और टीचर की मदद, कार से बांट रहा दवाई और जरूरी सामान

लॉकडाउन में छात्र कर रहा है अपने दोस्तो और टीचरों की मदद (Photo-social media)

Highlightsविद्यालय के पूर्व छात्र अनुपम सेन अपनी निजी कार से शिक्षण संस्थान के अपने पूर्व दोस्तों और टीजरों की मदद कर रहा है।इस कार्य के लिए लोग सेन की काफी तारीफ कर रहे हैं।

कोलकाताःकोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान दक्षिण कोलकाता की सूनी सड़कों पर मारूति 800 कार घूम रही है और उस पर ‘आपात दवा आपूर्ति’ का स्टीकर लगा है। यह कोई विशिष्ट दवा आपूर्ति वाहन नहीं है, बल्कि यहां के एक विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी अनुपम सेन की निजी कार है। सेन इस शिक्षण संस्थान के अपने पूर्व सहपाठियों के साथ अपने पूर्व अध्यापकों-अध्यापिकाओं को दवाइयां एवं खाने-पीने की चीजें पहुंचाने में लगे हैं।

इन पूर्व अध्यापकों-अध्यापिकाओं में से कुछ 70 और 80 साल की उम्र के हैं। साउथ प्वाइंट स्कूल के 40 पूर्व विद्यार्थियों के समूह --‘प्वाइंटर्स हू केयर्स’ के पास प्रथम चरण में सामान पहुंचाने के लिए 15 पूर्व अध्यापकों-अध्यापिकाओं की सूची थी जिनमें दीपाली सिन्हा रॉय (89) का नाम भी शामिल है। राय विधवा हैं और चारू मार्केट के समीप अकेली रहती हैं। उनकी दो बेटटियां यूरोप में हैं। राय ने पीटीआई भाषा से कहा,‘‘मेरे पास दवाइयां खत्म हो रही थीं और मेरे लिए अचरज भरी बात यह थी कि मुझे 24 मार्च को उनका कॉल आया।

उन्होंने एक महीने की मेरी दवाओं और सामान की सूची ली।’’ उन्होंने कहा, ’’28 मार्च सुबह को वे आये और सारी चीजें पहुंचा गये। मेरे बच्चे मुझसे दूर हैं और ऐसे संकट में मेरे पास नहीं आ सकते। ऐसे समय पर मेरे ही छात्र मेरे रक्षक बनकर आये।’’ राय विद्यालय में बांग्ला पढ़ाती थीं और उन्हें उच्च रक्तचाप एवं हृदय संबंधी परेशानियां हैं। उन्होंने कहा कि सेन और उनके साथी न केवल दवाएं दे गये बल्कि उन्हें डॉक्टर के पास भी ले गए और वापस घर ले कर आए।।

अंग्रेजी की पूर्व शिक्षिका अनिंदिता सेन ने कहा, ‘‘आम तौर पर स्थानीय दवा दुकानदार हमारे घर दवा पहुंचाते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने हमारा फोन उठाना भी बंद कर दिया। मेरे पूर्व विद्यार्थी हमारे बचाव के लिए आगे आये।’’ सेन और उनके पति जोधपुर पार्क में रहते हैं। सेन को मधुमेह और उनके पति को पार्किंसन बीमारी है। वे एक दिन भी दवा के बगैर नहीं रह सकते। 

Web Title: kolkata Student helping their friends and teachers in lockdown, distributing medicines and essential goods

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