Kolkata: 'मेडिकल छात्रों के खिलाफ एक शब्द नहीं.., उनकी मांग जायज', ममता बनर्जी की सफाई
By आकाश चौरसिया | Updated: August 29, 2024 13:30 IST2024-08-29T13:17:43+5:302024-08-29T13:30:53+5:30
Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने भाजपा के खिलाफ बोला है, ना कि छात्रों के खिला फ बोला है। उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार के समर्थन से राज्य में अराजकता पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
Kolkata Rape-Murder Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने कोलकाता में हुए जूनियर डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में गुरुवार को बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने एक शब्द भी उन मेडिकल स्टूडेंट्स पर नहीं कहा, जो लंबे समय से न्याय को लेकर मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कहा कि भाजपा ने दुष्प्रचार करते हुए कहा कि प्रदेश की सीएम का बयान दिया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को धमकी दी। सीएम ने कहा कि ये पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "सीएम ने उन बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में दुष्प्रचार अभियान तरीके से चलाया है। ऐसा प्रतीत किया जा रहा है कि प्रदेश मुखिया मेडिकल स्टूडेंट्स के खिलाफ है। उन्होंने ये भी कहा कि वो बहुत स्पष्ट शब्दों में कह रही हैं कि उन्होंने मेडिकल या रेप से संबंधित आंदोलनकारी छात्रों को लेकर कुछ नहीं कहा है। उनका आंदोलन वास्तविक है। मैंने उन्हें धमकी नहीं दी है, जबकि कुछ लोग आरोप लगाते हुए आरोपी बना रहे हैं"।
West Bengal CM Mamata Banerjee tweets, "I detect a malicious disinformation campaign in some print, electronic and digital media which has been unleashed with reference to a speech that I made in our students' programme yesterday. Let me most emphatically clarify that I have not… pic.twitter.com/wlrXglTYnt
— ANI (@ANI) August 29, 2024
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा के खिलाफ बोला है और उन पर केंद्र सरकार के समर्थन से राज्य में अराजकता पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
ममता बनर्जी अपने ट्वीट में आगे लिखती हैं कि केंद्र सरकार की मदद से वे प्रदेश में कानून और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और मैं उनके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती हूं। मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हूं कि कल अपने भाषण में मैंने जिस वाक्यांश ("फोंश करा") का इस्तेमाल किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। महान संत ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक वारदातें होती हैं, तो विरोध की आवाज उठानी पड़ती है। उस बिंदु पर मेरा भाषण महान रामकृष्णवादी कहावत का सीधा संकेत था।