MP सीएम से पत्र लिखकर उठाई गई मांग, छत्तीसगढ़ की तरह किसानों की अधिगृहित जमीन दिलाएं वापस

By राजेंद्र पाराशर | Published: December 27, 2018 07:54 PM2018-12-27T19:54:47+5:302018-12-27T19:54:47+5:30

अधिग्रहण की कार्यवाही भू-अर्जन की धारा 17 के तहत अतिशीघ्र अधिग्रहण के तहत की गई, अधिग्रहण थर्मल पावर बनाने, एवं थर्मल पावर से निकलने वाली राख को एकत्रित करने, तथा कालोनी के निर्माण हेतु अधिग्रहित की थी किन्तु दुर्भाग्य है कि आज तक थर्मल पावर नहीं बनाया जा सका. 

Kisan Sangharsh Samiti wrote the letter to kamal nath for Land Acquisition | MP सीएम से पत्र लिखकर उठाई गई मांग, छत्तीसगढ़ की तरह किसानों की अधिगृहित जमीन दिलाएं वापस

MP सीएम से पत्र लिखकर उठाई गई मांग, छत्तीसगढ़ की तरह किसानों की अधिगृहित जमीन दिलाएं वापस

किसान संघर्ष समिति ने पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ सरकार की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी पेंच प्रोजक्ट की जमीन किसानों को वापस लौटाने की मांग की है. समिति की उपाध्यक्ष आराधना भार्गव ने इस मांग का पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा है. डॉ. भार्गव ने पत्र में कहा है कि कांग्रेस के शासन काल में ही पेंच पावर प्रोजेक्ट बनाने हेतु ग्राम चैसरा, धनौरा, डागावानी पिपरिया, टेकाथांवरी और हीवरखेड़ी के किसानों की जमीन वर्ष 1986-87 में अधिग्रहित की गई थी. 

अधिग्रहण की कार्यवाही भू-अर्जन की धारा 17 के तहत अतिशीघ्र अधिग्रहण के तहत की गई, अधिग्रहण थर्मल पावर बनाने, एवं थर्मल पावर से निकलने वाली राख को एकत्रित करने, तथा कालोनी के निर्माण हेतु अधिग्रहित की थी किन्तु दुर्भाग्य है कि आज तक थर्मल पावर नहीं बनाया जा सका. 

जमीन अधिग्रहण करते समय किसानों से कहा था कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है, प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी दी जाएगी, प्रभावित किसान परिवार को मुफ्त में बिजली दी जाएगी तथा लागत मूल्य में बिजली बेची जाएगी और इसी कारण बिना किसी संघर्ष के किसानों ने जमीन सरकार के हवाले कर दी, किन्तु कांग्रेस सरकार थर्मल पावर बनाने में पूर्णत: असमर्थ रही. 

भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तो 2010 में साढ़े तेरह लाख रुपए एकड़ की दर से उक्त जमीन अदानी पावर प्लांट को बेच दी, किन्तु 2010 से लेकर 2018 तक भी अदानी पेंच पावर प्रोजेक्ट बनाने में पूर्णत: असमर्थ रहा.

पत्र में भार्गव ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता में आते की कांगे्रस की सरकार ने टाटा द्वारा अधिग्रहित भूमि किसानों को वापस करने का फैसला लिया है. उसी तरह अदानी पावर प्लांट से प्रभावित किसान आपसे इस पत्र के माध्यम से यह आशा और विश्वास करते है कि आप जब अपने मंत्रिमण्डल के साथ 30 दिसंबर को छिंदवाड़ा आ रहे है तो अदानी पावर प्लांट से प्रभावित किसानों की जमीनें किसानों को वापस करने के आदेश जारी करें. 

वर्तमान में वह जमीन बहुत उपजाऊ हो चुकी है क्योकि माचागोरा बांध का पानी उन खेतों तक पहुंच सकेगा जो आज की तारीख में अदानी के कब्जे में अनावश्यक तौर पर पड़ी है जिसका की कोई उपयोग नही हो रहा रहा है.

आंदोलनकारियों को समझे मित्र

अदानी पावर प्लांट से प्रभावित किसान यह मानते है कि आंदोलन से लोकतंत्र मजबूत होता है. आंदोलनकारी किसानों को जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी और किसानों के आंदोलन के परिणाम स्वरूप ही आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है आशा है आप आन्दोलनकारियों को अपना दुश्मन नहीं मित्र समझते हुए किसानों की जमीन किसानों को वापस कराने में सहयोग करेंगे.

Web Title: Kisan Sangharsh Samiti wrote the letter to kamal nath for Land Acquisition

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