कीर्ति आजाद का दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनना तय, आंतरिक गुटबाजी के कारण टल रही है घोषणा

By शीलेष शर्मा | Published: October 13, 2019 08:50 AM2019-10-13T08:50:21+5:302019-10-13T08:50:21+5:30

कीर्ति आजाद पुराने कांग्रेसी परिवार से हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार में कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे थे.

Kirti Azad set to become state president of Delhi Congress; Declaration due to internal factionalism | कीर्ति आजाद का दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनना तय, आंतरिक गुटबाजी के कारण टल रही है घोषणा

फाइल फोटो

Highlights कीर्ति आजाद का दिल्ली में पूर्वांचल के मतदाताओं पर खासा प्रभाव है. कुछ ही महीनों में ही दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना है इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष उनके नाम की घोषणा जल्द करना चाहती हैं.

क्रिकेटर से राजनीति में आए और भाजपा से बगावत कर कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद का दिल्ली प्रदेश का अध्यक्ष बनना लगभग तय हो चुका है. हालांकि उनके नाम की घोषणा अभी नहीं की जा रही है, क्योंकि पार्टी में चल रही गुटबाजी के कारण अध्यक्ष सोनिया गांधी फिलहाल कोई जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं.

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार दिल्ली प्रदेश नेताओं के बीच आपसी खींचतान और शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित की ओर से राज्य के प्रभारी पी. सी. चाको पर लगाए गए आरोप आजाद के नाम की घोषणा फिलहाल टलने की वजहें हैं. पार्टी सूत्र बताते हैं कि जैसे ही कांग्रेस ने आजाद के नाम पर सहमति जताई, दिल्ली के नेताओं ने उनके खिलाफ मुहिम छेड़ दी.

उन्होंने पार्टी नेतृत्व को आगाह किया कि किसी बाहरी व्यक्ति को प्रदेश की कमान सौंपने पर पार्टी में बिखराव हो सकता है. इन नेताओं ने पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल को भी अपनी चिंताओं से अवगत कराया. दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष के लिए जब नामों पर चर्चा शुरू हुई तो सोनिया गांधी के सामने कीर्ति आजाद, शत्रुघ्न सिन्हा और सुभाष चोपड़ा के नाम थे.

दिल्ली के किसी नेता के नाम पर सहमति नहीं बनने की स्थिति में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने तय किया कि प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी ऐसे नेता को सौंपी जाए जो बाहरी हों, लेकिन उनका दिल्ली से नाता हो. शीला दीक्षित को जब पहली बार कमान सौंपी गई थी, तब भी कुछ ऐसे ही हालात थे. बावजूद इसके सोनिया ने शीला दीक्षित को अध्यक्ष बनाने का फैसला किया.

पुराने कांग्रेसी परिवार से है नाता :

कीर्ति आजाद पुराने कांग्रेसी परिवार से हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद बिहार में कांग्रेसी मुख्यमंत्री रहे थे. कीर्ति ने भी भाजपा में रहते हुए अनेक मुद्दों पर कांग्रेस का साथ दिया था. उन्होंने 1993 में भाजपा के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया. इस साल वह कांग्रेस में शामिल होकर लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. कीर्ति का दिल्ली में पूर्वांचल के मतदाताओं पर खासा प्रभाव है.

पार्टी को उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से चुनाव में इन मतदाताओं का लाभ मिलने की उम्मीद है. कुछ ही महीनों में ही दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना है इसीलिए कांग्रेस अध्यक्ष उनके नाम की घोषणा जल्द करना चाहती हैं.

Web Title: Kirti Azad set to become state president of Delhi Congress; Declaration due to internal factionalism

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