सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को खादी रूमाल की बिक्री की शुरुआत की। इसे आतंकवाद से प्रभावित कश्मीर परिवार ने बनाया है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ने 2016 में नैपकिन बनाने का केंद्र नगरोटा (जम्मू-कश्मीर) में स्थापित किया था। यह केंद्र उन परिवारों के लिये स्थापित किया गया था जो घाटी के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों के हैं।
सक्सेना ने कहा कि आयोग ने उन परिवारों की महिलाओं को जोड़ा और पिछले महीने खादी के रूमाल का उत्पादन शुरू किया। हमारा लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के अंत तक 5 करोड़ रूमाल उत्पादित करने का है। गडकरी ने कहा कि केवीआईसी की पहल बापू (महात्मा गांधी) के समाज के सबसे कमजोर तबके को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछले वर्ग के उत्थान के लिये प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा कि अगर लोगों को उनके गांवों और उनके शहरों में रोजगार के अवसर दिये जाते हैं, तब लोगों को अपना घर-बार छोड़ने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आजीविका उपलब्ध कराने से नक्सलवाद और आतंकवाद जैसी चुनौतियों के समाधान में मदद मिलेगी।
केवीआईसी के चेयरमैन ने 5 करोड़ रूमाल के लक्ष्य के बारे में कहा कि इससे 44 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे। कार्यक्रम में केवीआईसी और डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता 2 करोड़ खादी रूमाल बेचने के लिये है। गडकरी ने खरीदारी की शुरुआत करते करते हुए 50-50 रुपये के भाव पर 50 रूमाल खरीदे।