चावल के अपर्याप्त स्टॉक के कारण सिद्धारमैया सरकार अन्न भाग्य योजना को विलंबित करने को मजबूर, केंद्र राजनीति कर रहा है...नहीं चाहता कि हमारी योजना सफल होः मंत्री केएच मुनियप्पा

By अनुभा जैन | Updated: June 25, 2023 14:41 IST2023-06-25T14:40:51+5:302023-06-25T14:41:14+5:30

कांग्रेस सरकार ने पांच चुनाव पूर्व गारंटी में से एक के रूप में अन्न भाग्य योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत बीपीएल कार्डधारी परिवारों को प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है।

KH Muniyappa says Inadequate stock of rice forces Siddaramaiah government to delay Anna Bhagya scheme, Center playing politics in Karnataka | चावल के अपर्याप्त स्टॉक के कारण सिद्धारमैया सरकार अन्न भाग्य योजना को विलंबित करने को मजबूर, केंद्र राजनीति कर रहा है...नहीं चाहता कि हमारी योजना सफल होः मंत्री केएच मुनियप्पा

चावल के अपर्याप्त स्टॉक के कारण सिद्धारमैया सरकार अन्न भाग्य योजना को विलंबित करने को मजबूर, केंद्र राजनीति कर रहा है...नहीं चाहता कि हमारी योजना सफल होः मंत्री केएच मुनियप्पा

बेंगलुरु: 23 जून को अपनी प्रमुख अन्न भाग्य योजना के लिए कर्नाटक को चावल की आपूर्ति करने से केंद्र द्वारा इनकार किये जाने के बाद, सिद्धारमैया ने शनिवार को तीन केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों से मुलाकात की। केंद्र के फैसले से कर्नाटक के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच. मुनियप्पा को दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल द्वारा अवगत कराया गया।
 
मुनियप्पा ने कहा, “केंद्र सरकार के पास पर्याप्त चावल है जो उनकी आपूर्ति पूरी होने के बाद बचेगा। केंद्र को राष्ट्रीय आपूर्ति के लिए 135 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता है, जबकि उनके पास 262 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक है। हम मुफ्त में चावल नहीं मांग रहे थे। चूँकि उनके पास पर्याप्त मात्रा में चावल था इसलिए हमने उन्हें बताया कि वे हमें चावल की आपूर्ति कर सकते हैं। हम निराश हैं।' मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र राजनीति कर रही है और नहीं चाहती कि हमारी योजना सफल हो।

योजना के लिए चावल खरीदने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के.एच मुनियप्पा ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ), राष्ट्रीय कृषि सहकारी महासंघ (नेफेड) और केंद्रीय भंडार के अधिकारियों से इस संबंध में मुलाकात की।

इन एजेंसियों द्वारा 36रुपये से 38रुपये प्रति किलोग्राम कीमत पर चावल मुहय्या कराये जाते हुये कर्नाटक राज्य सरकार ने इन केंद्रीय एजेंसियों से कोटेशन या उद्धरण लिया और मूल्य पर बातचीत चल रही है। हालाँकि, कीमतों का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है जबकि भारतीय खाद्य निगम ने इसकी कीमत 36.7/- कोट की है। गौरतलब है कि सीएम सिद्धारमैया ने पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से भी संपर्क किया। लेकिन इन राज्यों के पास भी पर्याप्त मात्रा में चावल नहीं है और इनकी दरें भी बहुत ऊंची हैं।

चावल के अपर्याप्त स्टॉक को देखते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार 1 जुलाई को शुरू होने वाली योजना को विलंबित कर सकती है। मुनियप्पा ने आश्वासन दिया कि एक अगस्त से पहले गरीबों को चावल उपलब्ध करा दिया जाएगा।

पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने विधानसभा सत्र से पहले सिद्धारमैया द्वारा वादा की गई सभी पांच योजनाओं को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा, “अगर विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले अन्य चार गारंटी लागू नहीं की गईं, तो हमारे लिए सदन (विधानसभा) के अंदर और बाहर ‘सत्याग्रह’ करना अपरिहार्य होगा। मैं विधान सौधा के सामने धरना देने के लिए भी तैयार हूं।“

यह उल्लेख करना उचित है कि कांग्रेस सरकार ने पांच चुनाव पूर्व गारंटी में से एक के रूप में अन्न भाग्य योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत बीपीएल कार्डधारी परिवारों को प्रति व्यक्ति पांच किलो चावल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है। केंद्र सरकार पहले से ही 5 किलो चावल मुफ्त दे रही है। 

प्रति माह लगभग 2.29 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त की आवश्यकता के साथ, इस योजना पर लगभग ₹10,000 करोड़ की लागत आने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), जो शुरू में चावल की आपूर्ति करने के लिए सहमत हुआ था, ने बाद में निर्णय को पलट दिया और कर्नाटक राज्य सरकार को चावल खरीदने के लिए अन्य स्रोतों की तलाश करने के लिए मजबूर कर दिया।

Web Title: KH Muniyappa says Inadequate stock of rice forces Siddaramaiah government to delay Anna Bhagya scheme, Center playing politics in Karnataka

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