केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन 2 साल बाद होंगे रिहा, धन शोधन के मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिली

By भाषा | Published: December 24, 2022 08:06 AM2022-12-24T08:06:04+5:302022-12-24T08:17:25+5:30

इस आदेश पर बोलते हुए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन के वकील मोहम्मद दानिश केएस ने बताया कि “पहले मामले (यूएपीए) में उच्चतम न्यायालय ने कप्पन को नौ सितंबर को जमानत दे दी थी। लेकिन जमानतदारों का सत्यापन तीन महीने के बाद भी नहीं कराया जा सका। इसलिए जेल से रिहाई के लिए यह मुख्य मुद्दा है। आज के फैसले के संबंध में हमें इसका अध्ययन करना होगा क्योंकि अभी तक यह (वेबसाइट पर) अपलोड नहीं किया गया है।”

Kerala journalist Siddiqui Kappan will be released after 2 years got bail from High Court money laundering case | केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन 2 साल बाद होंगे रिहा, धन शोधन के मामले में उच्च न्यायालय से जमानत मिली

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsधन शोधन के एक मामले केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को जमानत मिल गई है।कप्पन के वकील ने बताया कि इस जमानत से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। ऐसे में विपक्षी दलों और पत्रकारों की संस्थाओं ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया है।

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को धन शोधन के एक मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी है। कप्पन की जमानत याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने पारित किया है। आपको बता दें कि कप्पन वर्तमान में लखनऊ की जिला जेल में बंद हैं। 

जमानत से उनकी रिहाई का रास्ता हुआ साफ- कप्पन के वकील

कप्पन को तीन अन्य लोगों अतीक-उर-रहमान, आलम और मसूद के साथ पीएफआई से कथित तौर पर संबंध रखने और हिंसा भड़काने के षड़यंत्र का हिस्सा होने के लिए मथुरा में गिरफ्तार किया गया था। कप्पन के वकील मोहम्मद दानिश केएस ने कहा कि जमानत मिलने से औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। 

उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल को शीर्ष अदालत से यूएपीए व भारतीय दंड विधान की धाराओं से जुड़े मामले में जमानत मिलने के बाद भी जमानतदारों का अब तब सत्यापन नहीं हुआ है। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें नौ सितंबर को जमानत दे दी थी।

कप्पन के वकील ने क्या कहा

मामले में दानिश ने बताया, “पहले मामले (यूएपीए) में उच्चतम न्यायालय ने कप्पन को नौ सितंबर को जमानत दे दी थी। लेकिन जमानतदारों का सत्यापन तीन महीने के बाद भी नहीं कराया जा सका। इसलिए जेल से रिहाई के लिए यह मुख्य मुद्दा है। आज के फैसले के संबंध में हमें इसका अध्ययन करना होगा क्योंकि अभी तक यह (वेबसाइट पर) अपलोड नहीं किया गया है।” 

गौरतलब है कि कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के अलावा गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और आईटी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह धन शोधन से संबंधित मामले की वजह से जेल से बाहर नहीं आ सके थे। 

उच्चतम न्यायालय ने कप्पन की जमानत के लिए यह शर्ते रखी है

उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलें ध्यान में रखते हुए जमानत के लिए कई शर्तें लगाई थीं जैसे जेल से रिहा होने के बाद वह अगले छह सप्ताह दिल्ली में रहेंगे और हर सप्ताह सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के निजामुद्दीन थाने में रिपोर्ट करेंगे। 

विपक्ष और पत्रकारों की संस्थाओं ने इस आदेश का स्वागत किया है

विपक्षी दलों और पत्रकारों की संस्थाओं ने कप्पन को जमानत दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया था। उनका दावा है कि कप्पन को उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘बलि का बकरा’ बनाया है। 

उल्लेखनीय है कि एक दलित महिला के साथ 14 सितंबर 2022 को कथित तौर पर दुष्कर्म के एक पखवाड़े बाद दिल्ली के एक अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई थी। उसके गांव में आधी रात को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। 

Web Title: Kerala journalist Siddiqui Kappan will be released after 2 years got bail from High Court money laundering case

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