लाइव न्यूज़ :

केरल में बाढ़ राहत के लिए विदेशों से चंदा नहीं लेगा भारत, यूएई, कतर और मालदीव जैसे देशों ने बढ़ाया था मदद का हाथ

By भाषा | Updated: August 22, 2018 22:32 IST

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत विदेशी सरकारों को इस बात से अवगत करा रहा है कि वह केरल में बाढ़ से हुए नुकसान का व्यापक आकलन कर रहा है और वह राज्य की जरूरतों को खुद ही पूरा करने में सक्षम है। 

Open in App

नई दिल्ली, 22 अगस्त: भारत विभिन्न विदेशी सरकारों को इस बात से अवगत करा रहा है कि वह बाढ़ प्रभावित केरल के लिए वित्तीय सहायता स्वीकार नहीं करेगा। आधिकारिक सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर और मालदीव सहित कई देशों ने केरल में बाढ़ राहत कार्यों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है। सूत्रों ने बताया कि भारत सहायता स्वीकार करने से इनकार करते हुए केरल में बाढ़ प्रभावितों को मदद की पेशकश करने को लेकर अन्य देशों की सराहना करता है। यूएई ने केरल को 700 करोड़ रूपये की पेशकश की है। कतर ने 35 करोड़ रूपये और मालदीव ने 35 लाख रूपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।समझा जाता है कि केरल सरकार राज्य में बाढ़ राहत सहायता के लिए विदेशी सरकारों से चंदा स्वीकार नहीं करने के केंद्र के फैसले को लेकर नाराज है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आज कहा कि यूएई से बाढ़ राहत सहायता प्राप्त करने में यदि कोई बाधा है तो उसे दूर करने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करेगी। भारत में नियुक्त थाईलैंड के राजदूत सी एस गोंग्साकदी ने कहा कि भारत सरकार ने उनके देश से कहा है कि वह केरल में बाढ़ राहत सहायता के लिए विदेशों से चंदा स्वीकार नहीं करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत विदेशी सरकारों को इस बात से अवगत करा रहा है कि वह केरल में बाढ़ से हुए नुकसान का व्यापक आकलन कर रहा है और वह राज्य की जरूरतों को खुद ही पूरा करने में सक्षम है। केरल को मदद की पेशकश कर रही विदेशी सरकारों को भारत यह भी कह रहा है कि इसने चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से घरेलू कोशिशों पर निर्भर रहने का सोच विचार कर फैसला लिया है।  थाई राजदूत ने ट्वीट किया, ‘‘अफसोस के साथ यह सूचित कर रहा हूं कि भारत सरकार केरल में बाढ़ राहत के लिए विदेशी चंदा स्वीकार नहीं कर रही है। हम भारत के लोगों के साथ खड़े हैं।’’ सूत्रों ने बताया कि प्रवासी भारतीयों से तथा निजी चंदा स्वीकार करने में कोई पाबंदी नहीं है। यूएई ने केरल से अपने संबंधों को लेकर 700 करोड़ रूपये की मदद की पेशकश की है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक करीब 30 लाख भारतीय यूएई में रहते हैं और वहां काम करते हैं जिनमें से 80 फीसदी केरल से हैं। केरल में आई बाढ़ में 231 लोगों की जानें गई हैं और 14 लाख से अधिक लोग बेघर हुए हैं। 

टॅग्स :केरल बाढ़बाढ़
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजलवायु परिवर्तन का शिकार होती महिलाएं 

विश्वदुनियाभर में आफत?, हांगकांग में आग, 128 मरे, थाईलैंड में बाढ़ से 145 की मौत और श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से 56 की मौत

भारतउथली नदियों में कैसे समाएं सावन-भादों!, कई दशकों के रिकॉर्ड टूटा

भारतमनोरंजन के तिलिस्म को तोड़कर भयावह यथार्थ दिखाए कौन?

भारतकिसानों को सहायता के बाद सक्षम बनाना भी आवश्यक, 6 महीनों में 543 किसानों ने जान दी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई