वायनाड (केरल),14 अगस्त केरल के वायनाड की एक अदालत ने सिस्टर लकी कलाप्पुरा के खिलाफ निष्कासन के मामले का निपटारा होने तक उन्हें फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कॉन्ग्रेशन (एफसीसी) के कॉन्वेंट (नन के रहने के स्थान) में रहने की अनुमति दे दी है।
सिस्टर कलाप्पुरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मनंतवाडे में मुंसिफ अदालत ने शुक्रवार को उनके उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया कि उनके खिलाफ लंबित मामले का निपटारा होने तक उन्हें कॉन्वेंट में रहने की अनुमति दी जाए। उन्होंने बताया कि इस बारे में विस्तृत आदेश अभी नहीं आया है।
हाल में केरल उच्च न्यायालय ने कहा था कि निष्कासन के खिलाफ कलाप्पुरा को पुलिस सुरक्षा नहीं मुहैया कराई जा सकती। कलाप्पुरा को कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए एफसीसी से निष्कासित कर दिया गया है। सिस्टर कलाप्पुरा अपने मामले की पैरवी स्वयं कर रही हैं। उन्होंने अदालत को बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ निष्कासन के आदेश को दीवानी अदालत में चुनौती दी है, और उसपर कोई निर्णय होने तक वह कॉन्वेंट में ही रहना चाहती हैं।
इस पर अदालत ने मामला मुंसिफ अदालत में वापस भेज दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि उनके रहने के अन्य किसी स्थान पर उनकी जान और संपति की सुरक्षा पुलिस कर सकती है। इस पर उन्होंने उच्च न्यायालय से कहा कि वह उन्हें दी गई पुलिस सुरक्षा हटा सकती है, लेकिन उन्हें कॉन्वेंट में ही रहने देने की अनुमति दी जाए क्योंकि उनके पास रहने के लिए अन्य कोई जगह नहीं है।
गौरतलब है कि सिस्टर कलाप्पुरा ने एक नन के साथ बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रांको मुलक्कल को गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर ‘ मिशनरीज ऑफ जीजस कॉन्ग्रेशन’ की नन्स के साथ विरोध प्रदर्शन किया था। उन्हें रोमन कैथोलिक चर्च के तहत आने वाले एफसीसी ने अगस्त 2019 में निष्कासित कर दिया था।
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