प्रदूषण कम करने के केजरीवाल के आपातकालीन उपाय अस्थायी :विशेषज्ञ
By भाषा | Published: November 13, 2021 10:02 PM2021-11-13T22:02:01+5:302021-11-13T22:02:01+5:30
नयी दिल्ली, 13 नवंबर राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा घोषित आपातकालीन कदमों को अस्थायी समाधान करार देते हुए पर्यावरण विशेषज्ञों ने बार-बार सामने आने वाली इस समस्या के दीर्घकालिक समाधान की जरूरत बताई।
केजरीवाल ने शनिवार को शहर में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अनेक आपातकालीन कदमों की घोषणा की जिसमें एक सप्ताह के लिए स्कूलों को बंद करना, निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम करना शामिल हैं।
आपात बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के समक्ष लॉकडाउन का प्रस्ताव रखेगी।
भारत में स्वच्छ हवा के लिए काम करने वाले संगठन ‘केयर फॉर एयर’ की सह-संस्थापक ज्योति पांडे लवाकरे ने कहा, ‘‘ये केवल बैंड-एड (अस्थायी) उपाय हैं। हर साल पूरा सिंधु-गंगा का मैदानी क्षेत्र इस समस्या का सामना करता है। दिल्ली सरकार कम से कम कुछ कर रही है, लेकिन यह बहुत कम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस समस्या के समाधान के लिए सभी पांच राज्यों को समन्वित, सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। अगर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाई जा रही हैं तो दिल्ली क्या करेगी? यहां तक कि वाहन चलाने का सम-विषम नियम भी काम नहीं करेगा। चूंकि दिवाली और पराली जलाने के बीच एक्यूआई स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।’’
लवाकरे ने सरकार पर दिल्ली में लगाये गये स्मॉग टॉवर पर सवाल खड़ा किया और कहा, ‘‘इस पर जनता का बहुत पैसा लगा है’’। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें दिल्ली के प्रदूषण को कम करना चाहिए और हवा को सांस लेने लायक बनाना चाहिए। प्रधानमंत्री को इस मुद्दे से निपटने के तरीके की अगुवाई करनी चाहिए।’’
पर्यावरणविद विमलेंदु झा ने कहा कि केजरीवाल द्वारा घोषित उपाय केवल आपातकालीन समाधान हैं, लेकिन समय की जरूरत हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन ये कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा केंद्र और दिल्ली सरकार से कहने के बाद उठाये गये।
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