नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। इसे लेकर पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक होने वाली है। इस बैठक में कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी, राजद सहित अन्य दलों के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे।
इस बैठक से पहले अरविंद केजरीवाल ने एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में केजरीवाल ने विपक्षी दलों से केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ बैठक में चर्चा की मांग की है। अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा है, "मैंने इस विषय की तह तक जाकर अध्ययन किया है। यह समझना गलत होगा कि अध्यादेश केवल दिल्ली के संदर्भ में ही लाया जा सकता है, क्योंकि दिल्ली आधा राज्य है। समवर्ती सूची में दिए गए किसी भी विषय के सारे अधिकार ऐसा ही अध्यादेश लाकर किसी भी पूर्ण राज्य से बिजली, शिक्षा, व्यापार आदि विषयों पर से पूर्ण रूप से अधिकार छीन सकती है। केंद्र सरकार ने दिल्ली के संदर्भ में ऐसा अध्यादेश लाकर एक प्रयोग किया है।"
अध्यादेश को जनतंत्र के खिलाफ बताते हुए केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "यदि दिल्ली में यह अध्यादेश लागू हो जाता है तो दिल्ली में जनतंत्र खत्म हो जाएगा। फिर दिल्ली वाले जो मर्जी सरकार चुनें उनकी कोई पावर नहीं होगी। फिर एलजी के जरिए केंद्र सरकार सीधे दिल्ली सरकार चलाएगी, चाहे लोग किसी भी पार्टी की सरकार चुनें। दिल्ली के बाद एक एक करके सभी राज्यों में जनतंत्र खत्म कर दिया जाएगा। वो दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री 33 राज्यपालों/एलजी के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे। 23 जून को पटना में सभी पार्टियों की मीटिंग है। मेरा आपसे आग्रह है कि इस मीटिंग में इस अध्यादेश पर सभी पार्टियों का स्टैंड और इसे संसद में हराने की रणनीति पर सबसे पहले चर्चा हो।"