ग्राम पंचायत स्तर तक की जरूरतों को देखते हुए युवाओं को मिले कौशल विकास प्रशिक्षण: गहलोत

By भाषा | Updated: July 5, 2021 19:05 IST2021-07-05T19:05:26+5:302021-07-05T19:05:26+5:30

Keeping in view the needs of the village panchayat level, youth should get skill development training: Gehlot | ग्राम पंचायत स्तर तक की जरूरतों को देखते हुए युवाओं को मिले कौशल विकास प्रशिक्षण: गहलोत

ग्राम पंचायत स्तर तक की जरूरतों को देखते हुए युवाओं को मिले कौशल विकास प्रशिक्षण: गहलोत

जयपुर, पांच जुलाई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आगामी वर्षों में ग्रामीण स्तर पर प्लम्बर, इलैक्ट्रीशियन एवं फिटर की मांग बढ़ेगी। ऐसे में, राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) के माध्यम से अधिक से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्लम्बर, इलैक्ट्रीशियन एवं फिटर जैसे कोर्स में प्रशिक्षित किया जाए ताकि हर गांव में प्रशिक्षित कारीगर उपलब्ध हो सकें।

उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए अतिरिक्त प्रशिक्षण केंद्र की आवश्यकता हो तो उसके लिए भी तैयारी की जाए। गहलोत ने सोमवार को आरएसएलडीसी की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कौशल विकास के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य तय करके विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए। साथ ही, उन्होंने बजट घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन एवं पर्याप्त निगरानी के भी निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि निगम द्वारा चुनी गई प्रशिक्षण पार्टनर फर्म एमओयू की शर्तों के मुताबिक निर्धारित संख्या में प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट उपलब्ध कराएं, यह सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि कौशल विकास के लिए तय की गई शर्तों के अनुसार उपलब्ध आधारभूत ढांचा एवं सुविधाओं के बारे में पूरी छान-बीन करके प्रशिक्षण सहयोगी कंपनी का चयन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए भिखारियों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण के बाद रोजगार हासिल करने वाले भिखारियों की सेवाएं अन्य भिखारियों को प्रशिक्षण देकर मुख्यधारा में लाने के लिए मास्टर ट्रेनर्स की तरह ली जाएं।

उन्होंने भिखारियों के पुनर्वास एवं उनके प्रशिक्षण के लिए आरएसएलडीसी एवं सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

बैठक में आरएसएलडीसी के चैयरमेन नीरज के. पवन ने बताया कि भिखारियों को रोजगार से जोड़ने की योजना में 100 भिखारियों को प्रशिक्षित किया गया, उनमें से 40 को अक्षयपात्र संस्था में रोजगार मिल चुका है।

उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 39,193 युवाओं को प्लंबिंग, फिटिंग एवं इलेक्ट्रीशियन का 4 माह का अल्प अवधि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

बैठक में कौशल विकास राज्यमंत्री अशोक चांदना, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, आरएसएलडीसी के प्रबंध निदेशक प्रदीप के. गवांडे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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