कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस: ग्राम प्रधान सांझी सहित 3 को उम्रकैद, 3 पुलिसवालों को 5-5 साल की सजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 10, 2019 05:04 PM2019-06-10T17:04:32+5:302019-06-10T17:07:19+5:30
10 जनवरी 2018 को अगवा की गई लड़की से कठुआ जिले के एक छोटे से गांव के मंदिर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया। चार दिनों तक बेहोशी की हालत में रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
जम्मू कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची से कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस में 6 में से 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं, तीन अन्य को 5 साल की सजा दी गई है। उम्रकैद की सजा पाने वालों को कोर्ट ने एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। 5 साल की सजा पाने वालों को पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
किसे कितनी मिली सजा
दीपक खजुरिया- उम्रकैद , एक लाख का जुर्माना
सांजी राम (ग्राम प्रधान) - उम्रकैद , एक लाख का जुर्माना
परवेश कुमार- उम्रकैद, एक लाख का जुर्माना
सुरेंद्र वर्मा (पुलिसकर्मी ) - 5 साल जेल , 50-50 हजार रुपये का जुर्माना
तिलक राज- (हेड कॉन्स्टेबल) 5 साल जेल , 50-50 हजार रुपये का जुर्माना
आनंद दत्ता (पुलिसकर्मी ) - 5 साल जेल , 50-50 हजार रुपये का जुर्माना
Kathua rape & murder case: Three have been sentenced to life imprisonment; Sanji Ram, Parvesh Kumar & Deepak Khajuria. pic.twitter.com/TPJD45NE4L
— ANI (@ANI) June 10, 2019
देश को झकझोर कर रख देने वाले इस मामले से जुड़ा घटनाक्रम इस प्रकार है :
10 जनवरी, 2018 : जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के रसाना गांव में बकरवाल जनजाति की आठ साल की बच्ची मवेशी चराते समय लापता हो गयी ।
12 जनवरी, 2018 : बच्ची के पिता की शिकायत पर हीरानगर पुलिस थाना में एक मामला दर्ज किया गया ।
17 जनवरी, 2018 : बच्ची का शव बरामद । पोस्टमॉर्टम में बच्ची से सामूहिक बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई ।
22 जनवरी, 2018 : मामला जम्मू कश्मीर अपराध शाखा को सौंपा गया।
16 फरवरी, 2018 : दक्षिणपंथी समूह ‘हिंदू एकता मंच’ ने एक आरोपी के समर्थन में प्रदर्शन किया।
एक मार्च, 2018 : बच्ची के अपहरण और बलात्कार की घटना के संबंध में ‘देवीस्थान’ (मंदिर) के प्रभारी के भतीजे की गिरफ्तारी के बाद राज्य में सत्तारूढ़ पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में दो मंत्री भाजपा के चंद्र प्रकाश गंगा और लाल सिंह ‘’हिंदू एकता मंच’ द्वारा आयोजित रैली में शामिल हुए ।
नौ अप्रैल, 2018 : पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ अदालत में आरोपपत्र दायर किया ।
10 अप्रैल, 2018 : आठवें आरोपी के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया जिसने नाबालिग होने का दावा किया था । पुलिस ने अपराध शाखा के अधिकारियों को नौ अप्रैल को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की कोशिश करने और प्रदर्शन करने के आरोप में वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की ।
14 अप्रैल, 2018 : हिंदू एकता मंच की रैली में शरीक हुए भाजपा के मंत्रियों ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने इस अपराध को ‘‘खौफनाक’’ बताया और प्रशासन से शीघ्र न्याय के लिए कहा ।
16 अप्रैल, 2018 : कठुआ में प्रधान सत्र अदालत के जज के समक्ष सुनवाई शुरू हुई । सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष कहा ।
सात मई, 2018 : उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के लिये मामला कठुआ से पंजाब के पठानकोट स्थानांतरित किया । शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई शीघ्रता से करने का निर्देश दिया । साथ ही यह भी कहा कि सुनवाई मीडिया से दूर, बंद कमरे में हो ।
3 जून, 2019 : सुनवाई पूरी हुई ।
10 जून 2019- छह आरोपियों को दोषी करार, तीन को उम्र कैद की सजा दी गई है, वहीं, तीन को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है।