कयामत की बर्फबारी से अभी नहीं उभरे कश्मीरी, 12 नवंबर को फिर आशंका
By सुरेश डुग्गर | Published: November 9, 2018 03:23 PM2018-11-09T15:23:54+5:302018-11-09T15:23:54+5:30
कश्मीर में तीन नवंबर से तीन दिन तक बारिश और हिमपात का दौर चला तो वे तीन दिन किसी कयामत से कम नहीं थे।
जम्मू, 9 नवम्बरः नवम्बर के पहले हफ्ते में हुई कयामत की बर्फबारी को हालांकि राज्य सरकार ‘आपदा’ घोषित करने की तैयारी में है पर कश्मीरी अभी भी सहमे हुए हैं क्योंकि 12 नवम्बर से लेकर 14 नवम्बर तक तीन दिनों के लिए फिर से जबरदस्त बर्फ गिरने की भविष्यवाणी की जा रही है। दरअसल 10 सालों के अरसे के बाद कश्मीर में नवम्बर में बर्फ गिरी है। किसी को भी इतनी भयंकरी बर्फबारी की उम्मीद नहीं थी। यही कारण है कि सभी पूर्वानुमान फेल हो गए और कश्मीर को करोड़ों का नुक्सान उठाना पड़ा है। यही कारण है कि कश्मीरी अब दुआ के लिए हाथ उठाते हुए खुदा से रहम की भीख मांग रहे हैं।
कश्मीर में तीन नवंबर से तीन दिन तक बारिश और हिमपात का दौर चला तो वे तीन दिन किसी कयामत से कम नहीं थे। इसमें वादी में बिजली-पानी की आपूर्ति के प्रभावित होने के अलावा कई जगह सड़क संपर्क कट गया था। वहीं, खेतों में खड़ी फसल और बाग तबाह हो गए। कई मकान भी हिमपात ने गिरा दिए। सरकारी एजेंसियों ने शुरुआती रिपोर्ट में हिमपात से 1000 करोड़ का नुकसान होने का दावा किया है। दक्षिण कश्मीर में उत्तरी और मध्य कश्मीर की अपेक्षा ज्यादा नुकसान हुआ है। कश्मीर में बीते सप्ताह हुए हिमपात से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 15 लाख सेब के पेड़ बर्बाद हुए हैं। करीब 20 हजार हेक्टेयर में फैले बागों में से छह हजार हेक्टयेर बागों पर बर्फ की सफेद चादर तबाही बनकर छाई है।
और अब एक बार फिर से रियासत पर फिर इंद्रदेव ‘मेहरबान’ होंगे। कश्मीरियों के लिए यह मेहरबानी किसी भयानक कयामत से कम नहीं है जिससे बचने की खातिर वे दुआ के लिए हाथ उठा खुदा से रहम की भीख अभी से मांग रहे हैं। मौसम विभाग श्रीनगर के अनुसार 12 से 14 नवंबर को जम्मू और कश्मीर के कई हिस्सों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम का मिजाज 10 नवंबर से ही बिगड़ जाएगा। मौसम बिगड़ने से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, श्रीनगर-लेह हाईवे, मुगल रोड सहित अन्य कई संपर्क मार्गों पर मार पड़ सकती है। मुगल रोड पर अभी भी यातायात बहाल नहीं हो पाया है।
मौसम विभाग श्रीनगर के निदेशक सोनम लोटस के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते आगामी दिनों में राज्य के कई हिस्सों में मौसम खराब रहने की आशंका है। इसका कश्मीर में अधिक असर दिखेगा। हाल ही में हुई बेमौसम बर्फबारी से अभी भी कई रास्ते बंद हैं। श्रीनगर से कारगिल संपर्क मार्ग वीरवार को आठवें दिन भी बंद रहा था और इसे आज ही सुबह खोला जा सका था।
इस मार्ग पर 11 फीट तक बर्फ गिरी है। पिछले एक सप्ताह से बीकन विभाग की ओर से राजमार्ग को खोलने के लिए काम किया जा रहा था। इसमें बर्फ काटने वाली अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस सड़क के बंद होने से कारगिल और श्रीनगर में कई यात्री फंसे हुए हैं।
पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक (यातायात) मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि कारगिल और कश्मीर घाटी के बीच यातायात को हरी झंडी दे दी गई है। अहमद शाह ने कहा, यातायात 10.30 बाद खोल दिया गया है। हम इस रास्ते से पहले सेना के काफिले को जाने की इजाजत दे रहे हैं क्योंकि इस रास्ते पर अन्य वाहनों के टायर खराब हो सकते हैं।
कश्मीर घाटी में इस सीजन समय से पहली हुई बर्फबारी को देखते हुए प्रशासन की ओर से जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं। सीमावर्ती जिला कुपवाड़ा में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है जो लोगों को आपात स्थिति में मदद देगा।
घाटी में शीत लहर के साथ खून जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। कश्मीर के सभी जिलों में दिन के साथ रात का पारा सामान्य से नीचे चला गया है। कई जल स्थलों के जमने की सूचना है। घाटी के सभी हिस्सों में रात का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चल रहा है।