कश्मीर पुलिस ने कहा, 'मकान मालिकों को साबित करना होगा कि आतंकियों ने घर का जबरी इस्तेमाल किया नहीं तो होगी कुर्की की कार्रवाई'

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: March 26, 2022 20:00 IST2022-03-26T19:51:01+5:302022-03-26T20:00:49+5:30

जम्मू कश्मीर पुलिस ने शनिवार को कहा कि पुलिस केवल उन घरों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करेगी जिनके मकान मालिकों ने जानबूझकर आतंकियों को अपने घर में पनाह दी और आतंकियों को अपने घरों में ठहराने पर उन पर कोई दबाव नहीं था।

Kashmir Police said, the landlords will have to prove that the terrorists used the house forcibly, otherwise there will be attachment action | कश्मीर पुलिस ने कहा, 'मकान मालिकों को साबित करना होगा कि आतंकियों ने घर का जबरी इस्तेमाल किया नहीं तो होगी कुर्की की कार्रवाई'

फाइल फोटो

Highlightsकश्मीर में अक्सर आतंकी आम लोगों के घरों से सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं कश्मीर पुलिस नागरिक के उन घरों को कुर्क कर लेगी, जिनमें आतंकियों को पनाह दिया जाता हैआतंकियों द्वारा दबाव दिये जाने की बात को साबित करने की जिम्मेदारी अब मकान मालिक की होगी

जम्मू: कश्मीर पुलिस के उस बयान के बाद कश्मीर में बवाल मचा हुआ है जिसमें कहा गया है कि जिन घरों या अन्य इमारतों का इस्तेमाल आतंकी हमलों या आतंकियों को शरण देने या आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए होगा, उन्हें कुर्क कर लिया जाएगा।

इस मामले में स्पष्टीकरण जारी करते हुए अब कश्मीर पुलिस ने कहा है कि उन्हीं संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा, जिनमें मकान मालिक यह साबित करने में असफल रहेंगे कि उनके घर का आतंकियों ने जबरी इस्तेमाल नहीं किया गया था।

जम्मू कश्मीर पुलिस ने शनिवार को स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल उन मकान मालिकों के खिलाफ होगी, जिन्होंने आतंकियों को जानबूझकर शरण दी हो और जिन पर ऐसा करने का कोई दबाव नहीं हो।

इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि किसी प्रकार का दबाव होने की बात को साबित करने की जिम्मेदारी मकान मालिक की होगी। देखा जाए तो कश्मीर की स्थिति यह है कि आतंकी लोगों के घरों में जबरदस्ती शरण लेते हुए कई बार सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं और फिर जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबल उन घरों को नेस्तनाबूत कर देते हैं।

ऐसे में अपने घर को मिट्टी में मिलते हुए देखकर दुखी होने वाले मकान मालिकों के लिए यह साबित कर पाना शायद मुश्किल होगा कि आतंकियों द्वारा उनके घर का इस्तेमाल जबरदस्ती हुआ था।

दरअसल आतंकियों के साथ-साथ उनके समर्थकों पर शिकंजा कसने के लिए कश्मीर पुलिस ने अपना रवैया सख्त किया हुआ है। प्रशासन ने आतंकियों की मदद करने वाले इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ इनकी संपत्ति भी अटैच करने का भी फैसला लिया था।

जानकारी के मुताबिक कश्मीर पुलिस द्वारा इस पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। पिछले कुछ महीनों में पुलिस ने कश्मीर घाटी में जिन ओवर ग्राउंड वर्करों या आतंकी मामलों से जुड़े दूसरे लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

आतंकियों के शरणदाताओं और ओवरग्राउंड वर्करों की नकेल कसते हुए प्रदेश प्रशासन ने अब गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत उनकी संपत्ति को अटैच करने का फैसला किया है।

मामले में श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश बलवाल ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि आतंकवाद के मकसद से इस्तेमाल की गई संपत्तियों को कुर्क किए जाने की कार्रवाई शुरुआत करने को लेकर श्रीनगर पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के बारे में कुछ लोगों ने गलत सूचनाएं एवं अफवाह फैलाई है।

उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि श्रीनगर पुलिस आतंकियों को जानबूझकर पनाह देने और किसी दबाव के कारण ऐसा करने के बीच के अंतर से भली भांति परिचित है। एसएसपी ने कहा कि केवल उन संपत्तियों की कुर्की की जा रही है, जहां यह साबित हो गया है कि मकान मालिक या उस घर में रहने वाले सदस्यों ने जानबूझकर कई दिनों तक आतंकियों को पनाह दी हो और यह काम किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं किया गया हो।

इसके साथ ही श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश बलवाल ने यह भी कहा कि हमेशा हर मामले में पुलिस की जांच प्रक्रिया के उन्नत चरण पर होने के बाद ही कुर्की की प्रक्रिया की जाती है।

Web Title: Kashmir Police said, the landlords will have to prove that the terrorists used the house forcibly, otherwise there will be attachment action

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