कश्मीरियों की चिंता कब तक चलेगा नया लाकडाउन, 5 अगस्त 2019 को दोहराया जा रहा है कश्मीर में

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 4, 2021 15:27 IST2021-09-04T15:19:36+5:302021-09-04T15:27:40+5:30

सईद अली शाह गिलानी की मौत के बाद सुरक्षा पाबंदियों के नाम पर प्रशासन द्वारा एक बार फिर 5 अगस्त 2019 की परिस्थितियों को दोहराया जा रहा है । मोबाइल फोन और इंटरनेट सब ब्लाक है।

kashmir people want themself to release by all restrictions and curfew | कश्मीरियों की चिंता कब तक चलेगा नया लाकडाउन, 5 अगस्त 2019 को दोहराया जा रहा है कश्मीर में

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsसईद अली शाह गिलानी की मौत के बाद कश्मीर में कड़ी सुरक्षा पाबंदियां मोबाइल फोन और इंटरनेट सब ब्लाक इस बार बस कश्मीर में टीवी चैनलों पर रोक नहीं लगाई गई है

जम्मू :   नए लाकडाउन का भूत एक बार कश्मीरियों को सता रहा है। सईद अली शाह गिलानी की मौत के बाद सुरक्षा पाबंदियों के नाम पर प्रशासन द्वारा एक बार फिर 5 अगस्त 2019 की परिस्थितियों को दोहराया जा रहाहै। नतीजा यह है कि तीन दिनों से कश्मीर में संचार माध्यमों पर पहरा है। पड़ोसी, पड़ोसी तक का हाल नहीं पूछ सकता है और कश्मीरियों को दुनिया की खबर इसलिए नहीं मिल रही क्योंकि स्थानीय अखबार दो दिनों से छपे नहीं और कर्फ्यू किसी को बाहर नहीं निकलने दे रहा है। 2019 के लाकडाउन और तीन दिन दिन पहले आरंभ हुए अघोषित कर्फ्यू में बस इतना अंतर है कि इस बार कश्मीर में टीवी चैनलों पर रोक नहीं लगाई गई है।
यूं तो पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी कहते थे कि कश्मीर में सब ‘चंगा है’ पर दो दिनों से श्रीनगर के पुराने शहर में पत्थरबाजी की घटनाएं दर्शातीं थीं कि कश्मीरियों को इस बार पूरी तरह से घरों में बंद करने में नाकामी हासिल हो रही है। अन्य कस्बों और शहरों से फिलहाल कोई रिपोर्ट नहीं है क्योंकि मोबाइल फोन और इंटरनेट सब ब्लाक है।

सबसे अधिक दिक्कत कश्मीर में आने वाले पर्यटकों को हो रही है। कई पर्यटनस्थलों पर फंसे हुए पर्यटक अपने गंतव्यों तक पहुंचने में असहाय महसूस कर रहे हैं। मोबाइल सेवाएं बंद होने से वे अपनों से बात कर पाने में असमर्थ हैं और इंटरनेट भी अभी रोका गया है जिसे कल रात को चलाने का आश्वासन दिया जा रहा है।

कल दिल्ली से आए कुछ लोगों के परिवार जम्मू में अधिकारियों से फोन कर गुहार लगाते रहे कि कम से कम उनके बच्चों के प्रति कोई खबर दी जाए। दो दिन से वे गुलमर्ग में फंसे हुए हैं और रविवार को जम्मू से उन्हें रेल पकड़नी हैै। पर अभी तक कोई जानकारी नहीं है की वे कहां और किस हाल में हैं। ऐसी दशा उन हजारों पर्यटकों की है जो कश्मीर में सब चंगा है देखने आए हुए हैं और पुलिस द्वारा 5 अगस्त 2019 की परिस्थितियों को दोहराए जाने के कारण उनकी जान पर बन आई है।

Web Title: kashmir people want themself to release by all restrictions and curfew

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