Kashi Vishwanath Corridor Inauguration: यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं!, काशी विश्वनाथ धाम पर बोले पीएम मोदी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 13, 2021 16:22 IST2021-12-13T16:19:57+5:302021-12-13T16:22:45+5:30

Kashi Vishwanath Corridor Inauguration: काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, भारत को एक निर्णायक दिशा देगा, एक उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएगा। ये परिसर, साक्षी है हमारे सामर्थ्य का, हमारे कर्तव्य का। अगर सोच लिया जाए, ठान लिया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं।

Kashi Vishwanath Corridor Inauguration pm narendra modi Aurangzeb comes Shivaji Kashi Vishwanath Dham | Kashi Vishwanath Corridor Inauguration: यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं!, काशी विश्वनाथ धाम पर बोले पीएम मोदी

औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की।

Highlightsकाशी अहिंसा, तप की प्रतिमूर्ति चार जैन तीर्थंकरों की धरती है। यहां का हर पत्थर शंकर है, इसलिए हम अपनी काशी को सजीव मानते हैं।जिस तरह काशी अनंत है वैसे ही काशी का योगदान भी अनंत है।

Kashi Vishwanath Corridor Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया। पीएम ने कहा कि यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं!

अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं। भारत में जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ। यह देश, बाकी दुनिया से अलग है।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी की सभ्यता और विरासत की प्रशंसा की और कहा कि कई सल्तनतों का उदय और पतन हुआ, लेकिन बनारस बना रहा। मोदी ने कहा, ‘‘ आक्रमणकारियों ने इस शहर पर हमला किया। इसे नष्ट करने की कोशिश की। औरंगजेब के अत्यचार और आतंक का इतिहास गवाह है। उसने कट्टरता से संस्कृति को दबाने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से अलग है। यहां अगर (मुगल सम्राट) औरंगजेब आया, तो (मराठा योद्धा) शिवाजी का भी उदय हुआ।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर सलार मसूद आगे बढ़ा तो राजा सुहेलदेव जैसे योद्धाओं ने इस देश की एकता की ताकत का उसे अहसास कराया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘काशी विश्वनाथ धाम का पूरा नया परिसर केवल शानदार इमारत नहीं है बल्कि भारत की ‘सनातन संस्कृति’, हमारे अध्यात्म और भारती की प्राचीनता व परंपरा का प्रतीक है। ’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर जो पहले मात्र 3000 वर्ग फुट का था, वह बढ़कर अब करीब पांच लाख वर्ग फुट हो गया है। अब 50 से 70 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में आ सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ नया इतिहास बना है और हमारा सौभाग्य है कि हम इसके गवाह बने हैं।’’ मोदी ने अपने भाषण के दौरान स्थानीय बोली का भी इस्तेमाल किया। अपने निर्वाचन क्षेत्र आने के बाद मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की और गंगा नदी में डुबकी लगाई। वह वहां से पवित्र गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर आए।

प्रधानमंत्री मोदी का काफिला जब शहर से गुजर रहा था, तब लोग मंत्रोच्चारण कर रहे थे। प्रधानमंत्री भी कुछ स्थानों पर रुके और लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन से पहले मोदी ने एक प्रार्थना समारोह में हिस्सा लिया।

इसके बाद उन्होंने इस परियोजना में कार्य करने वाले मजदूरों पर उनके कार्य के लिए आभार व्यक्त करने के लिए गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं। वह समूह तस्वीर के लिए उनके साथ बैठे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और देशभर से आए साधु संत भी मौजूद थे। 

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