मरीना बीच पर कलाइग्नर को दफनाने पर फिर विवाद, AIDMK सरकार ने कहा- करुणानिधि ने खुद नहीं चाहते थे वहां बने समाधि
By भाषा | Published: August 8, 2018 08:03 AM2018-08-08T08:03:29+5:302018-08-08T09:26:13+5:30
DMK Chief Karunanidhi Death News:विपक्षी दलों ने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने की द्रमुक की मांग का समर्थन किया है।
चेन्नई, 8 अगस्तः तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने देने की द्रमुक की मांग राज्य सरकार से खारिज होने और उसके बजाय इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की उसकी पेशकश पर कल रात बहुत बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। इस पर आज सुबह मामले की सुनवाई करते हुए कार्यकारी जज ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद करुणानिधि के वकील को केस वापस लेने को कहा। क्योंकि दूसरे पक्ष को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं थी कि करुणानिधि के शव को मरीना बीच पर दफनाया जाए।
लेकिन बाद में एआईडीएमके सरकार ने कोर्ट में काउंटर एफिडेविड जारी किया और कहा कि करुणानिधि खुद नहीं चाहते थे कि वहां समाधियां बनें। प्रोटोकॉल आने के बाद उन्होंने पूर्व सीएम जानकी रामचद्रंन को वहां दफनाने के लिए जमीन नहीं अलॉट की थी।
Case against denial of burial land by TN Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: TN Govt states in its counter affidavit that DMK chief Karunanidhi himself didn't allot land for former CM Janaki Ramachandran after understanding the protocol manual when Karunanidhi was the CM.
— ANI (@ANI) August 8, 2018
Case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: Lawyer of petitioner Traffic Ramaswamy says 'We have no objection to the burial land for Karunanidhi'. Acting Chief Justice says to the lawyer 'Withdraw your case'.
— ANI (@ANI) August 8, 2018
Deepa Jayakumar pays last respects to former Tamil Nadu CM M #Karunanidhi at Chennai's Rajaji Hall. pic.twitter.com/3oMEo0jkwX
— ANI (@ANI) August 8, 2018
Case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: Madras HC directs Traffic Ramaswamy’s lawyer to file memorandum that he has no objection to bury Karunanidhi’s body at Marina beach. Lawyer submits the memorandum to the Acting Chief Justice
— ANI (@ANI) August 8, 2018
राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, डी राजा समेत कई विपक्षी नेताओं और अभिनेता रजनीकांत ने द्रमुक की मांग का समर्थन किया एवं सरकार से मरीना बीच पर दिवंगत नेता के लिए जगह आवंटित करने की अपील की। यह विवाद ऐसे समय में खड़ा हुआ है जब वृहन चेन्नई निगम को प्रसिद्ध मरीना बीच पर शवों का अंतिम संस्कार की इजाजत देने से रोकने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका को मद्रास उच्च न्यायालय से वापस ले लिया गया।
Case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for M #Karunanidhi: Tamil Nadu Govt files its counter affidavit in the case. Hearing in the matter is underway at Madras High Court.
— ANI (@ANI) August 8, 2018
Hearing by Madras High Court in the case against denial of burial land by Tamil Nadu Govt at Marina beach for #Karunanidhi, adjourned till 8 am tomorrow after the govt sought more time to file a reply pic.twitter.com/XdSyaaTfiZ
— ANI (@ANI) August 7, 2018
द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता को उनके मार्गदर्शक सी एन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी। स्टालिन ने अपने पिता के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट भी की थी।
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। अतएव सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है। कुछ खबरों में कहा गया है कि सरकार मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए इसलिए जगह देने को अनिच्छुक है क्योंकि वह वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं थे।
पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन और उनकी बेहद करीबी जे जयललिता मरीना बीच पर ही दफन किये गये थे और वहीं उनके स्मारक बनाए गए। ये दोनों राजनीति में करुणानिधि के कट्टर विरोधी थे। करुणानिधि के पूर्ववर्ती अन्नादुरई का जब निधन हुआ था, तब वह मुख्यमंत्री थे। द्रमुक कार्यकर्ताओं ने तत्काल ही प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उन्होंने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए जगह की मांग की।
विपक्षी दलों ने द्रमुक की मांग का समर्थन किया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जयललिता जी की तरह, कलैनार तमिल लोगों की आवाज की अभिव्यक्ति थे। वह आवाज मरीना बीच पर जगह पाने की हकदार है।’’
Like Jayalalitha ji, Kalaignar was an expression of the voice of the Tamil people. That voice deserves to be given space on Marina Beach. I am sure the current leaders of Tamil Nadu will be magnanimous in this time of grief. #Marina4Kalaignar
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 7, 2018
सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘कलैनार के लिए मरीना बीच पर दफनाने की जगह देने से इनकार करना दुर्भाग्यजनक है। ’’
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