विदेशी संपत्ति और बैंक खातों के बारे में जानकारी छिपाने के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय जाएंगे कार्ति चिदंबरम
By भाषा | Published: January 8, 2020 03:04 PM2020-01-08T15:04:25+5:302020-01-08T15:04:25+5:30
जमीन पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति और उनकी पत्नी श्रीनिधि ने बेची थी। दोनों के अधिवक्ता एन. आर. आर. अर्जुन नटराजन ने ‘‘श्रीमती और श्री कार्ति पी. चिदंबरम की ओर से जारी बयान’’ में कहा कि जमीन बिक्री में कोई नकदी प्राप्त नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘आयकर विभाग की यह शिकायत पुन:आकलन की नोटिस पर आधारित है। आयकर विभाग की पुन:आकलन प्रक्रिया 31 दिसंबर, 2019 को शुरु हुई है।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी श्रीनिधि कर अपवंचना के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय जाने पर विचार कर रहे हैं। दोनों के अधिवक्ता ने बुधवार को इस आशय की जानकारी दी। गौरतलब है कि विशेष अदालत ने दोनों को आरोपमुक्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी है। यह मामला मुत्तुकाडु के पास जमीन बेचने से मिले 1.35 करोड़ रुपये नकद का कथित रूप से प्रकट नहीं करने से जुड़ा है।
जमीन पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति और उनकी पत्नी श्रीनिधि ने बेची थी। दोनों के अधिवक्ता एन. आर. आर. अर्जुन नटराजन ने ‘‘श्रीमती और श्री कार्ति पी. चिदंबरम की ओर से जारी बयान’’ में कहा कि जमीन बिक्री में कोई नकदी प्राप्त नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘आयकर विभाग की यह शिकायत पुन:आकलन की नोटिस पर आधारित है। आयकर विभाग की पुन:आकलन प्रक्रिया 31 दिसंबर, 2019 को शुरु हुई है।
आकलन या मांग पर कोई आदेश पारित नहीं किया गया। ऐसे में कानून की नजर में इस शिकायत का कोई अस्तित्व नहीं है।’’ नटराजन ने कहा, ‘‘इस तथ्य को हम निचली अदालत के समक्ष रखेंगे और निचली अदालत के आदेश के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय जाएंगे।’’ अधिवक्ता ने कहा कि पूरे लेन-देन में कोई नकदी नहीं ली गई। पूरी प्रक्रिया का लेखा-जोखा है। खातों में सबकुछ लिखा हुआ है और रिर्टन भी भरा गया है।
गौरतलब है कि विधायकों और सांसदों की विशेष अदालत के जज डी. लिंगेश्वरन ने इस सिलसिले में कार्ति और उनकी पत्नी की ओर से दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी थी।